गुजरात यूनिवर्सिटी (Gujarat University) में नमाज पढ़ने के दौरान विदेशी छात्रों पर हुए हमले के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है. पुलिस ने 2 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि 25 के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. पुलिस ने अहमदाबाद के सोला के रहने वाले हितेश मेवाड़ा और भरत पटेल को गिरफ्तार किया है. इस मामले में विदेश मंत्रालय ने संज्ञान लेते हुए गुजरात सरकार से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बयान जारी करते हुए कहा, 'कल अहमदाबाद की गुजरात यूनिवर्सिटी में हिंसा की घटना हुई. राज्य सरकार अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है. झड़प में दो विदेशी छात्र घायल हो गए. उनमें से एक छात्र को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. मामले को लेकर विदेश मंत्रालय गुजरात सरकार के संपर्क में है.'
क्या है पूरा मामला?
गुजरात यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में शनिवार को भीड़ ने विदेशी छात्रों के एक ग्रुप पर हमला कर दिया था. इस हमले में दो विदेशी समेत 5 छात्र घायल हो गए थे. छात्रों के एक गुट ने कथित तौर पर रात में उस समय हमला किया जब पीड़ित छात्र हॉस्टल परिसर में नमाज अदा कर रहे थे. गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने पुलिस को दोषियों को पकड़ने और मामले की जांच का आदेश दिया है.
इस समय रामजान का पाक महीना चल रहा है. छात्र रात में 'तरावीह' (नमाज) पढ़ने के लिए जुटे थे. इसी दौरान कथित तौर पर हमला किया गया. पीड़ितों के अनुसार, लाठी-डंडों और चाकुओं से लैस भीड़ जबरन हॉस्टल में घुस गई और उन पर हमला किया. भीड़ ने संपत्ति को भी बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया. हॉस्टल के सुरक्षाकर्मी हमले को रोकने में नाकाम रहे.
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7 आरोपियों की हुई पहचान
छात्रों के साथ हुआ मारपीट के मामले में डीसीपी तरुण दुग्गल ने कहा कि 7 आरोपियों की पहचान कर ली गई है. अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि 25 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. गुजरात यूनिवर्सिटी पुलिस स्टेशन में आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 143, 144, 148,149,427, 323,324,337,447 के तहत अपराध दर्ज किया गया है.
क्या बोले यूनिवर्सिटी के कुलपति?
यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. नीरजा गुप्ता ने कहा, ''हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं. हम जल्द ही कुछ प्रशासनिक फैसले लेंगे. पुलिस भी इस मामले को सुलझाने के लिए हमारे साथ काम कर रही है. अभी इस बात की जांच होनी बाकी है कि हमला करने वाले विश्वविद्यालय के छात्र थे या नहीं. नमाज एक निजी फैसला है. वह नमाज अपने कमरे में या मस्जिद में अदा कर रहे हैं और उनके लिए क्या आदर्श है. इसका जवाब केवल छात्र ही दे सकते हैं.'
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