डीएनए हिंदी: वस्तु एवं सेवा कर (GST) विभाग के खुफिया अधिकारियों ने 461 फर्जी कंपनियों से जुड़े एक रैकेट का भंडाफोड़ किया है. वित्त मंत्रालय के अनुसार, GST इंटेलिजेंस महानिदेशालय की गुरुग्राम जोनल टीम ने इस रैकेट का भंडाफोड़ किया . ये 863 करोड़ रुपए के फ्रॉड का मामला है. इस रैकेट में धोखाधड़ी से 863 करोड़ रुपए का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट ट्रांसफर किया था.
गुरुग्राम जोनल यूनिट ने छापेमारी अभियान के दौरान इस फर्जीवाड़े का खुलासा किया. जीएसटी यूनिट को छापेमारी के दौरान फर्जी संस्थाओं के माध्यम से इनपुट टैक्स क्रेडिट फर्जीवाड़े की जानकारी हुई. यूनिट द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, अभी तक इस फर्जीवाड़े में दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
यह भी पढ़ें- गुजरात में तबाही के बाद धीमा पड़ा Biparjoy Cyclone, राजस्थान तक दिखा असर, 10 पॉइंट्स में जानें ताजा हालात
ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा
जीएसटी विभाग ने खुफिया जानकारी के आधार पर कार्यालय में छापेमारी की. इस दौरान अधिकारियों को फर्जीवाड़े का पता चला. विभाग के अनुसार, जब्त किए गए लैपटॉप में बड़ी संख्या में जाली, फर्जी दस्तावेज मिला है. फर्जी दस्तावेजों में रेंट एग्रीमेंट, बिजली बिल, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और पैन कार्ड मिला है. जिसका इस्तेमाल फर्जी कंपनियों को चलाने के लिए किया जा रहा था.
यह भी पढ़ें- Biporjoy Cyclone की रफ्तार में थम गया गुजरात, तस्वीरों में देखें चक्रवात से मची तबाही का मंजर
वित्त मंत्रालय ने फर्जीवाड़े दी जानकारी
वित्त मंत्रालय ने इस फर्जीवाड़े की जानकारी देते हुए बताया कि छापेमारी में कार्यालय से जब्त किए गए लैपटॉप, उपकरणों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया. जिससे 863 करोड़ रुपए की इनपुट टैक्स क्रेडिट धोखाधड़ी का पता चला, जिसमें 461 फर्जी कंपनियां शामिल थीं. शुरुआती जांच के बाद बताया गया कि फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट में धोखाधड़ी का मामला आयरन और स्टील सेक्टर में भी पहुंच गया था.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.