डीएनए हिंदी: ज्ञानवापी विवाद (Gyanvapi Masjid) पर अब तक राजनीतिक प्रतिक्रियाएं कम ही आ रही थीं लेकिन अब सीएम योगी आदित्यनाथ ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सीएम योगी ने कहा कि अगर ज्ञानवापी को मस्जिद कहेंगे तो विवाद तो होगा ही. इस तरह से उन्होंने इस मसले पर अपनी सरकार का स्टैंड भी साफ कर दिया है. अब तय है कि इस बयान के आधार पर प्रतिक्रियाओं की भरमार हो जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि मुस्लिम समाज से जो ऐतिहासिक गलती हुई है उसको सुधारने के लिए खुद उन्हें ही आगे आना चाहिए. बता दें कि फिलहाल यह मामला कोर्ट में लंबित है लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव में यह मुद्दा बनता जरूर दिख रहा है, क्योंकि वाराणसी ही पीएम नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है.
'मुस्लिम समाज से हुई ऐतिहासिक गलती'
ज्ञानवापी पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी चुप्पी तोड़ी है और जो कहा है उसके सियासी मायने बहुत दूर तक जाने वाले हैं. उन्होंने कहा, 'ज्ञानवापी में देव मूर्तियां हैं और इसे हिंदुओं ने नहीं रखा है. मुस्लिम समाज से ऐतिहासिक गलती हुई है और उन्हें ही इसे सुधारना होगा. अगर आप ज्ञानवापी को मस्जिद कहेंगे तो इसका विरोध होगा.' उन्होंने यह भी कहा कि अगर ज्ञानवापी मस्जिद है तो पूछना चाहिए कि वहां पर त्रिशूल क्या कर रहा है. सीएम ने कहा कि परिसर की दीवारें बयान कर रही हैं कि वहां मस्जिद नहीं है.
यह भी पढ़ें: वायरल हुआ सत्यपाल मलिक का बयान, 'राम मंदिर में विस्फोट करवा सकते हैं ये लोग'
सीएम का बयान ऐसे वक्त में आया है जब यह मामला कोर्ट में है. इस बयान के सियासी मायने तो हैं ही, इसमें 2024 लोकसभा चुनावों के लिए एक संकेत भी है. अब देखना है कि सीएम के इस बयान पर अन्य विपक्षी दल क्या प्रतिक्रिया देते हैं. बीजेपी और खुद योगी ने जरूर स्पष्ट कर दिया है कि ज्ञानवापी को लेकर उनकी क्या राय और पॉलिटिकल स्टैंड रहने वाला है. 3 अगस्त को इलाहाबाद हाई कोर्ट ज्ञानवापी परिसर में सर्वे को लेकर अपना फैसला देने वाला है. उससे पहले सीएम का बयान आया है जिसे काफी अहम माना जा रहा है.
यह भी पढ़ें: जयपुर-मुंबई चलती ट्रेन में कॉन्स्टेबल ने की दनादन फायरिंग, 4 की मौत
ज्ञानवापी मामले पर सियासत गर्म
बता दें कि वाराणसी जिला कोर्ट की ओर से ज्ञानवापी परिसर के विवादित वजूखाने वाले हिस्से को छोड़कर तमाम इलाकों का एएसआई सर्वेक्षण का आदेश दिया था. मुस्लिम पक्ष ने सर्वे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे को रोकते हुए हाई कोर्ट को मामला ट्रांसफर कर दिया और इस मुद्दे पर अब सुनवाई पूरी हो चुकी है. 3 अगस्त को इस मामले पर फैसला आ सकता है और उससे पहले सियासत तेज हो गई है. समाजवादी पार्टी के स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि बौद्ध मंदिरों को तोड़कर हिंदू मंदिर बनाए गए हैं. दूसरी ओर सीएम योगी आदित्यनाथ कह रहे हैं कि ज्ञानवापी की दीवारें गवाही दे रही हैं कि वहां देव प्रतिमाएं हैं. उन्होंने तो यह तक कहा है कि यह मुस्लिम समाज की ओर से हुई गलती है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.