डीएनए हिंदीः वाराणसी की जिला अदालत में आज ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) मामले में सुनवाई होगी. जिला कोर्ट में पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इस मामले को सुनवाई के योग्य माना था. श्रृंगार गौरी केस (Shringar Gauri Case) में याचिकाकर्ताओं ने नियमित पूजा अर्चना की मांग की है. कोर्ट का फैसला आने के बाद इस मामले में आज पहली सुनवाई हो रही है.
मुस्लिम पक्ष ने रखी थी ये मांग
मुस्लिम पक्ष की ओर से कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 8 हफ्ते बाद करने की मांग रखी गई थी. प्रार्थना पत्र में मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट की एक याचिका का हवाला दिया था. इसमें कहा गया कि कोर्ट को पहले तय करना चाहिए कि किन-किन पहलुओं पर कोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगा. बता दें कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका पर फैसला देते हुए कहा कि यह मामला सुनवाई के योग्य है. कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले में 1991 का प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट लागू नहीं होता है.
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हिंदू पक्ष ने किया ये दावा
मंदिर पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने इस मामले में कहा कि ज्ञानवापी भगवान विश्वनाथ का मंडप है. यहां बाबा पूरे परिवार के साथ विराजमान हैं. वजूखाने में जिस जगह शिवलिंग मिला है, उसके पूरब दिशा में जो दीवार है, उसमें दरवाजा साफ नजर आता है. इस दरवाजे के पीछे भी राज छिपा है. जो शिवलिंग मिला है उसका अरघा भी अगर मिल गया तो ये साबित करना आसान होगा कि ये ज्ञानवापी मंदिर और भगवान आदि विश्वेश्वर यहां स्वयं विराजमान है. उन्होंने कहा कि जब ये साबित हो जाएगा तो फिर हम अदालत से श्रृंगार गौरी के साथ भगवान आदि विश्वेश्वर के दर्शन पूजन की इजाजत मांगेंगे.
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