Gyanvapi: एएसआई का ज्ञानवापी परिसर में सर्वे, जानें तहखानों और गुंबदों की तलाशी में क्या मिला?

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Aug 10, 2023, 08:30 AM IST

Gyanvapi Survey

Varanasi Gyanvapi Survey: सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद से ज्ञानवापी परिसर में एएसआई की 40 सदस्यों की टीम ने सर्वे का काम कर रही है. इस सर्वे में परिसर के अलग-अलग हिस्सों की बनावट और संरचना निर्माण की बारीकी से पड़ताल की जा रही है. 

डीएनए हिंदी: ज्ञानवापी परिसर में सर्वे (Gyanvapi Survey) का काम लगभग पूरा हो चुका है. अब तक 6 दिनों के सर्वे में एएसआई की टीम ने पर्याप्त सैंपल और साक्ष्य जुटाए हैं. निर्माण में इस्तेमाल होने वाली सामग्री के साथ ही दीवारों और गुंबदों का बारीकी से मुआयना किया गया है. एएसआई के 40 सदस्यों की टीम ने परिसर के सभी प्रमुख हिस्सों की पड़ताल की है. इसके अलावा, ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (GPR) से नींव के इतिहास की जानकारी की जाएगी. ऊपरी गुंबद के अलावा मस्जिद के दक्षिणी तहखाने का भी बारीकी से मुआयना किया गया है. जरूरत पड़ने पर या ज्यादा साक्ष्य जुटाने की आवश्यकता हुई तो सर्वे टीम दोबारा भी परिसर का दौरा कर सकती है. जानें अब तक एएसआई टीम ने क्या कुछ किया.  

मस्जिद के गुंबदों और मुख्य हॉल का किया गया सर्वे
ज्ञानवापी परिसर में सर्वे करने वाली टीम ने तीन दिन तक मस्जिद की छत, उसके तीनों गुंबदों और उसके नीचे के मुख्‍य हॉल का बारीकी से मुआयना किया है.  हर हिस्‍से की नाप-जोख के साथ निर्माण शैली और उसमें इस्तेमाल होने वाली सामग्री की बारीकी से पड़ताल की गई है. साथ ही, कई तरह की मशीनों के जरिए मिले तथ्‍यों को रिकॉर्ड में संरक्षित किया गया है. सूत्रों का कहना है कि दक्षिणी तहखाने का भी सर्वे किया गया है और सभी अहम तथ्यों को सैंपल के तौर पर रख लिया गया है.

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ज्ञानवापी मस्जिद के गुंबदों और ऊपरी हिस्‍से के सर्वे के अलावा दक्षिणी तहखाने से भी कुछ सैंपल जमा किए गए हैं. सूत्रों ने बताया कि मस्जिद परिसर के सर्वे में जुटाई गई सभी जानकारी ASI के नई दिल्‍ली स्थित मुख्‍यालय को भेज दी गई है. दिल्ली में इन सभी सैंपल का बारीकी से अध्ययन किया जाएगा और अगर जरूरत पड़ती है तो टीम फिर से ज्ञानवापी का दौरा कर सकती है. इसके अलावा अगर जरूरत पड़ी तो इन सैंपल के दूसरे वैज्ञानिक तरीकों से भी पड़ताल की जाएगी.  

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बताया जा रहा है कि व्‍यास तहखाने के कोने-कोने को खंगाला गया है. साथ ही नींव और उससे सटे क्षेत्रों में मशीनों से वहां की संरचना और अवशेषों के बारे में जानकारी जुटाई गई है. मस्जिद की पश्चिमी दीवार के साथ ही वहां मलबे में पड़े अवशेषों की स्‍कैनिंग और थ्रीडी मैपिंग का काम किया गया है. निर्माण में मूलभूत अंतर का पता लगाने के लिए साक्ष्‍य जुटाए गए है और मिट्टी में मौजूद धातुओं के पैटर्न की जानकारी ली गई. सूत्रों का कहना है कि यहां की मिट्टी, पत्‍थर और अन्‍य भग्नावशेष को जांच के लिए लैब में भेजा जा सकता है.

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