डीएनए हिंदीः वाराणसी जिला कोर्ट में दोपहर 2 बजे ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले (Gyanvapi Case) में हिन्दू पक्ष द्वारा कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग (Carbon Dating) और वैज्ञानिक परीक्षण कराने के मांग पर सुनवाई होनी है. कोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुना सकता है. कोर्ट रूम में केस से जुड़े 62 लोग मौजूद हैं.
जुमे की नमाज और कोर्ट के फैसले को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. कोर्ट परिसर और ज्ञानवापी मस्जिद के पास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है. हिंदू पक्ष की ओर से राखी सिंह समेत पांच महिलाओं की ओर से जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन समेत अन्य मांगों को लेकर याचिका दाखिल की गई है.
याचिका में हिंदू पक्ष ने की ये मांग
हिंदू पक्ष की ओर से कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने की मांग की गई है. कोर्ट में हिंदू पक्ष की ओर से वादी मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी, रेखा पाठक, सीता साहू (वादी संख्या दो से पांच) के वकील हरिशंकर जैन व विष्णु शंकर जैन ने अदालत को बताया कि उन्होंने कार्बन डेटिंग की मांग शिवलिंग के लिए नहीं, बल्कि आसपास के क्षेत्र के लिए की है. कार्बन डेटिंग से शिवलिंग को नुकसान पहुंचने के आरोपों के बीच याचिकाकर्ताओं ने कहा कि शिवलिंग के आयु के निर्धारण के लिए ऐसी वैज्ञानिक तकनीक को अपनाया जाए जिससे उसे किसी भी तरह से नुकसान ना पहुंचे.
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मई में हुआ था मस्जिद का सर्वे
बता दें कि कोर्ट के आदेश के बाद इसी साल मई में ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे हुआ था. इस पर हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि मस्जिद के वजूखाने के बीच में एक कथित शिवलिंग मिला है. वहीं मुस्लिम पक्ष उसे फब्वारा बता रहा है. हिंदू पक्ष की ओर से इसी शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराए जाने की मांग की गई है.
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