Gyanvapi Case: ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में हिंदू पक्ष के हक में फैसला, वाराणसी कोर्ट ने खारिज की मुस्लिम पक्ष की याचिका

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Sep 12, 2022, 02:34 PM IST

Gyanvapi Case: पिछले साल अगस्त में 5 महिलाओं ने वाराणसी सिविल जज (सीनियर डिविजन) के सामने एक याचिका दायर की थी.

डीएनए हिंदीः ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Case) मामले में वाराणसी की जिला कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है. जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने इस मामले में हिंदू पक्ष की याचिका को सुनवाई के योग्य माना है. कोर्ट को इस मामले में यह तय करना था कि हिंदू पक्ष की याचिका सुनवाई के योग्य है या नहीं. कोर्ट ने कहा कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 इस मामले में लागू नहीं होता है.

बता दें कि पिछले साल अगस्त में 5 महिलाओं ने वाराणसी सिविल जज (सीनियर डिविजन) के सामने एक याचिका दायर की थी. इसमें उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद के बगल में बने श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना पूजन-दर्शन की अनुमति देने की मांग की थी. महिलाओं की याचिका पर सिविल जज ने ज्ञानवापी परिसर का सर्वे भी करवाया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ये मामला सिविल जज की अदालत से जिला कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया गया था.

क्या है मामला?
जिला कोर्ट में 1991 में स्थानीय पुजारियों ने एक याचिका दाखिल की थी. इस याचिका में ज्ञानवापी मस्जिद एरिया में पूजा करने की इजाजत मांगी थी. इस याचिका में कहा गया कि 16वीं सदी में औरंगजेब के आदेश पर काशी विश्वनाथ मंदिर के एक हिस्से को तोड़कर वहां मस्जिद बनवाई गई थी. याचिकाकर्ताओं का दावा था कि औरंगजेब के आदेश पर मंदिर के एक हिस्से को तोड़कर वहां मस्जिद बनवाई गई. उन्होंने दावा किया कि मस्जिद परिसर में हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां मौजूद हैं और उन्हें ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पूजा की इजाजत दी जाए. 

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कोर्ट के आदेश पर हुआ 
वहीं मामले में इसके बाद वाराणसी के एक वकील विजय शंकर रस्तोगी ने निचली अदालत में एक याचिका दायर की और कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण अवैध तरीके से हुआ था. इसके साथ ही उन्होंने मस्जिद के पुरातात्विक सर्वेक्षण की मांग की. यह याचिका अयोध्या में बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि जमीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिसंबर 2019 में दायर की गई थी. अप्रैल 2021 में वाराणसी कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व विभाग को मस्जिद का सर्वे करके रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया.

तीन महीने लगातार चली सुनवाई
जून के आखिरी हफ्ते से लगातार इस मामले पर हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष के वकीलों द्वारा दलीलें पेश की जा रही थीं. सुनवाई पूरी होने के बाद ज्ञानवापी मुकदमा सुनने योग्य है या नहीं, इस मसले पर फैसले को जिला जज ने रिजर्व कर लिया. मामले पर जिला जज ऐके विश्वेश अब आज यानी 12 सितंबर को फैसला सुनाएंगे. 

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