डीएनए हिंदी: यूपी के वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का ASI सर्वे शुरू हो चुका है. 47 सदस्यों की टीम के साथ ASI की टीम ने सुबह 7 बजे ज्ञानवापी परिसर पहुंचकर प्रक्रिया शुरू की. एएसआई को 4 अगस्त तक जिला कोर्ट को सर्वे की रिपोर्ट सौंपनी है. मुस्लिम पक्ष ने सर्वे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है. सर्वे करने वाली इस टीम में 4 वकीलों को भी शामिल किया गया है. इस टीम में सभी पक्षों के एक वकील को शामिल किया गया है जबकि 4 महिलाएं वादी पक्ष की भी हैं. जानें सर्वे में अब तक क्या-क्या हुआ है और यह मामला कहां तक पहुंचा है. जिला कोर्ट ने सर्वे की अनुमति दी है जबकि इसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि न तो कोई ईंट हटाई गई है और न ही ऐसी कोई योजना है. अभी वहां सिर्फ नापजोख, फोटोग्राफी और राडार का इस्तेमाल किया जा जा रहा है जिससे ढांचे को कोई फर्क नहीं पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट ने इसे रिकॉर्ड पर लेते हुए कहा कि तुषार मेहता के बयान से यह स्पष्ट है कि ASI वहां कोई खुदाई नहीं कर रहा है और अगले एक हफ्ते तक कोई खुदाई की भी नहीं जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई के लिए इसे लिस्ट कर लिया है. ज्ञानवापी मस्जिद इंतजामियी कमेटी के वकील हुजेफा अहमदी ने अपील की है कि ASI के सर्वे को दो-तीन दिन के लिए रोक दिया जाए. वाराणसी की एक अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद में ASI का सर्वे कराने के आदेश दिए हैं. इस सर्वे की रिपोर्ट 4 अगस्त को कोर्ट में पेश की जानी है.
47 लोगों की टीम है सर्वे में शामिल
ASI की सर्वे टीम में 47 सदस्य हैं जिसमें 38 सदस्य एएसआई के हैं और चारों पक्ष के एक-एक वकील मौजूद हैं. इसके अलावा चार वादी महिलाएं और एक अन्य पक्षकार भी टीम में शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक, एएसआई ने ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के अच्छी तरह से संपन्न कराने के लिए 4 टीमें बनाई हैं. ये चारों टीमें परिसर के अलग-अलग हिस्सों का सर्वे करेंगे. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, टीम ठीक 7 बजे परिसर में पहुंच गई थी और अपने सारे उपकरणों के साथ फिलहाल काम पर जुट गई है.
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जरूरत पड़ने पर खुदाई की अनुमति
सर्वे के लिए 4 टीमें बनाई गई हैं जो कि 4 अलग-अलग हिस्सों का सर्वे करेंगी. एक टीम गुंबदों, एक टीम मस्जिद के चबूतरों और एक टीम परिसर का सर्वे करेगी. इसके अलावा कोर्ट ने अपने आदेश में सर्वे टीम को जरूरत पड़ने पर इमारत को नुकसान पहुंचाएं बिना ही खुदाई की अनुमति भी दी गई है. बता दें कि पिछले सर्वे में परिसर में शिवलिंग मिलने का दावा किया जा चुका है.
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शिवलिंग मिलने का किया गया है दावा
पिछले सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने यहां शिवलिंग मिलने का दावा किया था. दावा था कि मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग है. हालांकि, मुस्लिम पक्ष का कहना था कि वो शिवलिंग नहीं बल्कि हर मस्जिद में होने वाला फव्वारा है. इस फव्वारे का इस्तेमाल वुजु के लिए किया जाता है. इसके बाद हिंदू पक्ष ने परिसर को सील करने की मांग की थी जिसका विरोध मुस्लिम पक्ष ने किया था. हालांकि सेशन कोर्ट ने परिसर को सील करने की अनुमति दी थी.
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