हाजीपुर (Hajipur) बिहार का एक बेहद ही खास लोकसभा की सीट है. इस अहम लोकसभा सीट (Lok Sabha Seat) के भीतर 6 विधानसभा की सीट मौजूद हैं. इनमें हाजीपुर, लालगंज, महुआ, राजा पाकर, राघोपुर और महनार शामिल हैं. हाजीपुर सीट अनुसूचित जाति (SC) के प्रत्याशियों के लिए आरक्षित है. 2019 के लोकसभा चुनाव में LJP के पशुपति कुमार पारस 5,41,310 वोटों से जीते थे. RJD के शिवचंद्र राम 3,35,861 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर थे. वहीं, NCP के दसई चौधरी 4,875 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर थे. 2019 के चुनाव में NDA के उम्मीदवार के तौर पर पशुपति कुमार पारस यहां से सांसद चुने गए थे. इस बार उनके भतीजे चिराग पासवान यहां से अपनी दावेदारी आजमा रहे हैं. इस बार NDA की तरफ से उन्हें उम्मीदवार बनाया गया है. कुछ समय पहले तक चाचा और भतीजे की राहें जुदा हो चुकी थीं. दोनों एक दूसरे के सियासी मुखालफीन थे. लेकिन अब समीकरण बदल गए हैं, अब दोनों के बीच सुलह हो चुकी है.
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हाजीपुर का है ऐतिहासिक महत्व
हाजीपुर का जिला मुख्यालय वैशाली में स्थित है. ये इलाका वैशाली जिले में आता है. ये वही इलाका है जिसे विश्व का प्रथम गणतंत्र भी कहा गया है. साथ ही यह क्षेत्र लिच्छिवी राजाओं का केंद्र बिंदु रहा है. इस हिसाब से इस क्षेत्र का अपना शानदार अतीत रहा है, ये भूमि ऐतिहासिक महत्व को समेटे हुई है. हाजीपुर में भारतीय रेल के पूर्व-मध्य रेलवे जोन का मुख्यालय भी मौजूद है. नदियों की बात करें तो ये शहर गंगा और गंडक नदी के दरम्यान बसा हुआ है. यह इलाका केले, आम और लीची के लिए विश्वभर में विख्यात है. धार्मिक कथाओं के अनुसार गज हाथी और ग्राह मगरमच्छ की लड़ाई के बीच भगवान विष्णु यहां प्रकट हुए थे.
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