उत्तराखंड के हल्द्वानी में तीन दिन पहले भड़की हिंसा के मामले में पुलिस एक्शन मोड़ में नजर आ रही है. पिछले 24 घंटे में 100 लोगों से पूछताछ और 25 को गिरफ्तार किया गया है. जबकि मुख्य आरोपी बताया जा रहा अब्दुल मलिक की तलाश अभी जारी है. नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद मीणा ने बताया कि इस घटना के सिलसिले में अब तक 30 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा कि हल्द्वानी में हुई घटना में शामिल उपद्रवियों और अराजक तत्वों पर कार्रवाई लगातार जारी है और सभी दंगाइयों को एक-एक कर गिरफ्तार किया जा रहा है. उन्होंने यह भी साफ किया कि प्रदेश में अतिक्रमण के खिलाफ चल रहा अभियान जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि जो भी प्रदेश में अतिक्रमण है, उस पर कार्रवाई निश्चित तौर पर होगी और इस अभियान को रोका नहीं जाएगा.
चंपावत के लोहाघाट में एक जनसभा के दौरान उन्होंने कहा कि हल्द्वानी में घटना को अंजाम देने वाले किसी दंगाई को बख्शा नहीं जाएगा चाहे वह कितना भी रसूख वाला क्यों न हो. सीएम ने कहा कि नुकसान की भरपाई भी दंगाइयों से ही की जाएगी.
बता दें कि बनभूलपुरा में स्थित मलिक का बगीचा में अवैध मदरसा और नमाज स्थल के ध्वस्तीकरण के दौरान प्रशासनिक अमले पर स्थानीय लोगों की भीड़ ने हमला बोल दिया था. इस दौरान भीड़ में शामिल अराजक तत्वों ने छतों से पथराव किया, पेट्रोल बम फेंक कर वाहनों में आग लगाई और बनभूलपुरा पुलिस थाने को फूंक दिया. बिगड़ते हालात को संभालने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया जिसमें 6 लोग मारे गए थे. बनभूलपुरा क्षेत्र को छोड़कर शेष हल्द्वानी में कफ्र्यू हटाए जाने के बाद नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना सिंह के निर्देश पर प्रशासन ने बनभूलपुरा में भी आवश्यक सेवाओं को सुचारु कर दिया.
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बनभूलपुरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सुचारू करने के साथ ही मेडिकल स्टोर भी खुलवा दिए गए. क्षेत्र के लाइन नंबर 17 में रहने वाले डेढ़ वर्षीय बीमार बच्चे मोहम्मद इजहान का अस्पताल ले जाकर इलाज कराया गया और उसके बाद उसे सरकारी वाहन से घर तक छोड़ा गया. उधर, हल्द्वानी में हिंसा के मद्देनजर हालात से निपटने के लिए उत्तराखंड सरकार ने और केंद्रीय बलों की मांग की है. अधिकारियों ने यहां बताया कि गृह मंत्रालय से केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 100—100 जवानों वाली चार कंपनियों की मांग की गई है ताकि हिंसा ग्रस्त बनभूलपुरा क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को कायम रखा जा सके. बनभूलपुरा में करीब 1000 सुरक्षाकर्मी पहले से ही तैनात हैं.
कांग्रेस ने की निष्पक्ष जांच की मांग
कांग्रेस ने इस मामले में सीएम पुष्कर सिंह धामी से मिलकर निष्पक्ष जांच की मांग की. राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से बनभूलपुरा मामले में चर्चा की. प्रतिनिधिमण्डल में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, विधायक प्रीतम सिंह, भुवन कापड़ी, फुरकान अहमद, आदेश चौहान, ममता राकेश और सुमित हृदयेश भी शामिल थे. सीएम ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि राज्य सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए उपद्रवग्रस्त क्षेत्र में कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए त्वरित कार्रवाई की है. (PTI इनपुट के साथ)
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