डीएनए हिंदी: इजरायल और फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास के बीच जंग जारी है. ऐसे में इजराइली बमबारी और दवा की कमी के कारण उत्तरी गाजा में दो प्रमुख अस्पताल नए मरीजों के लिए बंद कर दिए गए हैं. कर्मचारियों ने कहा कि इजराइली बमबारी, ईंधन और दवा की कमी का मतलब है कि पहले से ही इलाज कर रहे लोग मर सकते हैं. इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चिंता जाहिर की है. WHO ने कहा कि पानी और बिजली के बगैर गाजा के अस्पताल में मरीजों का इलाज हो पाना असंभव जैसा है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, चिकित्सा कर्मचारियों ने कहा कि फिलिस्तीनी क्षेत्र के उत्तर में अस्पतालों को इजरायली सुरक्षा बलों ने घेर लिया है. गाजा के सबसे बड़े अस्पताल अल शिफा और अल-कुद्स मरीजों को नहीं भर्ती कर रहे हैं. इजराइल का कहना है कि हमास ने अस्पतालों के नीचे और पास में कमांड सेंटर बनाए हैं और उसे लगभग 200 बंधकों को मुक्त कराने के लिए उन तक पहुंचने की जरूरत है. जिन्हें आतंकवादियों ने एक महीने पहले ही इज़राइल में मार डाला था. हमास ने अस्पतालों का इस तरह इस्तेमाल करने से इनकार किया है.
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अस्पताल ने कही यह बात
जा स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ अल-किदरा ने कहा कि इजरायली गोलीबारी ‘चिकित्सा अधिकारियों और नागरिकों को समान रूप से डरा रही है. वहीं, इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट सोसाइटीज के प्रवक्ता टोमासो डेला लोंगा ने कहा कि पिछले 6-7 दिनों में अल कुद्स अस्पताल दुनिया से कट गया है. न अंदर जाने का कोई रास्ता, न बाहर जाने का कोई रास्ता है.
WHO ने जताई चिंता
डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने कहा कि WHO गाजा के अल-शिफा अस्पताल के कर्मचारियों से संपर्क बनाने में कामयाब रहा है. वहां की स्थिति गंभीर और खतरनाक है. इसके साथ उन्होंने लिखा कि बिना बिजली, बिना पानी और बहुत खराब इंटरनेट के साथ तीन दिन हो गए हैं. इसके कारण हमें जरूरी सुविधाओं को पहुंचाने में दिक्कतें आ रही हैं. इलाके में लगातार गोलीबारी और बमबारी ने पहले से ही गंभीर हालत को और भी गंभीर बना दिया है. दुख की बात है कि मरीजों की मृत्यु की संख्या लगातार बढ़ रही है. अफसोस की बात है कि यह अस्पताल अब अस्पताल के रूप में काम नहीं कर रहा है. WHO प्रमुख ने युद्धविराम पर जोर देते हुए कहा कि दुनिया तब चुप नहीं रह सकती जब अस्पताल, मौत, तबाही और निराशा के दृश्यों में बदल जाए. अब युद्धविराम होना चाहिए.
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