हरिद्वार लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने इस बार प्रत्याशी बदलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को चुनाव मैदान में उतारा है. भाजपा ने लगातार दो बार सांसद रहे पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को इस बार टिकट नहीं दिया है. कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पुत्र वीरेंद्र रावत को हरिद्वार सीट से प्रत्याशी बनाया है. हरीश रावत हरिद्वार से सासंद रह चुके हैं और क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है. इसके अलावा इस सीट से खानपुर विधानसभा सीट से विधायक उमेश कुमार भी बतौर निर्दलीय प्रत्याशी हरिद्वार संसदीय सीट से चुनाव मैदान में हैं. हरिद्वार लोकसभा सीट पर 2024 के इस आम चुनाव में 14 प्रत्याशी मैदान में हैं. इस सीट के लिए 19 अप्रैल को मतदान होना है.
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2019 के आम चुनाव में हरिद्वार लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रमेश पोखरियाल निशंक जीते थे. उन्हें कुल 665674 वोट मिले थे. इस चुनाव में उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के अंबरीश कुमार रहे थे. उन्हें इस क्षेत्र के 406945 वोटरों का समर्थन मिला था. इस तरह रमेश पोखरियाल निशंक 258729 वोटों के अंतर से सांसद चुने गए थे. 2019 में हरिद्वार संसदीय क्षेत्र में कुल मतदाता 1840738 थे. इसमें महिला वोटरों की संख्या 855094 थी, जबकि पुरुष वोटर 985516 थे.
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हरिद्वार संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की 14 सीटें शामिल हैं. ये सीटें हैं - रुड़की, मंगलौर, पिरान कालियार, खानपुर, लक्सर, भेल रानीपुर, हरिद्वार, हरिद्वार रूरल, धर्मपुर, डोईवाला, ऋषिकेश, भगवानपुर, झबरेड़ा और ज्वालापुर. हरिद्वार हिंदुओं के लिए प्रमुख तीर्थ स्थानों में से एक है. चार धाम यानी बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जाने के लिए हरिद्वार केंद्र बिंदु है. मैदानी क्षेत्र में गंगा नदी सबसे पहले हरिद्वार में प्रवेश करती है. हरिद्वार में हर छह साल बाद अर्द्धकुंभ और हर बारह साल बाद कुंभ मेले का आयोजन होता है. हरिद्वार संसदीय क्षेत्र की पहचान गंगा तीर्थ, शक्तिपीठ मां मंसा देवी-चंडी देवी, हरकी पैड़ी और देश की महारत्न कंपनी भेल के साथ-साथ योग-आयुर्वेद और अध्यात्म नगरी के नाम से होती रही है. इसके अलावा हाथियों और बाघ के लिए विश्व प्रसिद्ध राजाजी टाइगर रिजर्व ने भी इसे अलग पहचान दी है.
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