Haryana Political Crisis: चुनाव के बीच सैनी सरकार पर मंडराया संकट, 3 निर्दलीय विधायकों ने समर्थन लिया वापस, हुड्डा बोले- इस्तीफा दें CM

Written By रईश खान | Updated: May 07, 2024, 08:17 PM IST

Nayab Singh Saini and Bhupinder singh Hooda

Haryana Political Crisis: मनोहरल लाल खट्टर के इस्तीफे के बाद नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया था. बीजेपी के पास पहले ही 41 विधायक हैं. सैनी सरकार को 6 और निर्दलीय विधायक का समर्थन मिला था.

लोकसभा चुनाव के बीच हरियाणा में सियासी पारा गरमा गया है. जजपा से गठबंधन टूटने के बाद अब 3 निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी झटका दिया है. तीनों विधायकों ने नायब सैनी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है. अब वो कांग्रेस के साथ आ गए हैं. बीजेपी से अपना समर्थन वापस लेने वालों में दादरी से विधायक सोमबीर सांगवान, पंटुरी से रणधीर गोलन और नीलोखेड़ी से निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर के नाम शामिल हैं.  

तीनों विधायकों ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख उदय भान की मौजूदगी में रोहतक में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा की. रणधीर गोंदर ने कहा, ‘हम सरकार से समर्थन वापस ले रहे हैं. हम अब कांग्रेस के साथ हैं.’ उन्होंने कहा कि हमने किसानों से जुड़े मुद्दों सहित विभिन्न मुद्दों पर यह निर्णय लिया है.’ 


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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदय भान ने कहा, ‘तीन निर्दलीय विधायकों -सोमबीर सांगवान, रणधीर गोलन और धर्मपाल गोंदर ने भाजपा नीत सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है और कांग्रेस को अपना समर्थन देने का फैसला किया है.’ उन्होंने कहा, 'मैं यह भी कहना चाहता हूं कि (90 सदस्यीय) हरियाणा विधानसभा की मौजूदा क्षमता 88 की है, जिसमें से भाजपा के 40 सदस्य हैं.

भाजपा नीत सरकार को पहले जननायक जनता पार्टी (जजपा) के विधायकों और निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त था, लेकिन जजपा ने भी समर्थन वापस ले लिया था और अब निर्दलीय भी साथ छोड़ रहे हैं.’ 

हुड्डा ने मांगा इस्तीफा
भूपेंद्र हुड्डा ने कहा, ‘नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली सरकार अब अल्पमत में है. मुख्यमंत्री सैनी को अपना इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि उन्हें एक मिनट भी पद पर रहने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्य में जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव होने चाहिए.

क्या है हरियाणा का नंबरगेम?
हरियाणा में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं. सरकार बनाने के लिए 46 विधायकों की जरूरत है. लेकिन राज्य की दो सीटें खाली हैं. ऐसे में जादुई आकंड़ा 45 बचता है. नंबर गेम की बात करें तो बीजेपी के पास मौजूदा समय में 40 विधायक हैं. तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद अब उसके पास और 2 निर्दलीय और 1 विधायक हरियाणा लोकहित पार्टी (गोपाल कांडा) का समर्थन बचा है. यानी कुल संख्या उसकी 43 हो रही है.

वहीं, विपक्षी दलों के विधायकों की बात करें तो कांग्रेस के पास 30 विधायक हैं. जेजेपी के पास 10 विधायक हैं. 1 विधायक INLD का है. इसके अलावा तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापसी के बाद इनकी संख्या 4 हो गई है. कांग्रेस समेत विपक्षी दलों की संख्या 45 हो रही है. कांग्रेस का दावा है कि बीजेपी सरकार अल्पमत में है. सीएम नायब सिंह सैनी को इस्तीफा दे देना चाहिए.

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