Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव अब अपने चरम पर पहुंच रहा है. पहले चरण के नामांकन 5 सितंबर से शुरू हो रहे हैं. सभी विपक्षी पार्टियां अपने-अपने प्रत्याशियों की घोषणा करने में जुटी हुई हैं. लगातार दो बार से जीत रही BJP के सामने इस बार सत्ता विरोधी रूझान से पार पाने की चुनौती है, जिसके चलते मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के लिए सत्ता में वापसी की उम्मीद बढ़ गई है. इस बढ़ी हुई उम्मीद के चलते कांग्रेस के पास टिकट के दावेदारों की भीड़ भी उम्मीद से ज्यादा जुट गई है. इसके चलते पार्टी के सामने हर सीट पर अपना उम्मीदवार तय करना बेहद मुश्किल हो गया है. इस बीच कुछ दावेदार ऐसे भी हैं, जिनके दावे नकारने पर कांग्रेस नेतृत्व के लिए वोटबैंक का समीकरण बिगड़ने का खतरा पैदा हो गया है. ऐसा ही एक दावा कॉमनवेल्थ गेम्स के स्वर्ण पदक विजेता और दो बार के ओलंपियन बॉक्सर मनोज कुमार के भाई राजेश कुमार राजौन्द का भी है, जो खेल के मैदान से अब सियासत के रिंग में उतरने की मंशा जता चुके हैं. राजेश ने कलायत या पुंडरी सीट से टिकट देने की मांग पार्टी नेतृत्व से की है, जिससे इन सीटों का मुकाबला दिलचस्प होने जा रहा है.
बॉक्सरों के परिवार का नाता भारत-पाक युद्ध से
कैथल जिले के राजौंद गांव निवासी राजेश के परिवार को लोग बॉक्सिंग के साथ ही भारत-पाकिस्तान के बीच हुए दो युद्धों से भी है. राजेश के दिवंगत पिता शेर सिंह ने 1965 के भारत-पाक युद्ध और 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भारतीय सेना की तरफ से भाग लिया था.
दीपेंद्र हुड्डा के करीबियों में गिने जाते हैं राजेश, रोड़ समुदाय ने भी किया समर्थन
राजेश को रोहतक से कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा के करीबियों में गिना जाता है. राजेश ने दीपेंद्र को लेटर लिखकर चुनावी टिकट मांगा है. इस लेटर में उन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और हरियाणा मांगे हिसाब जैसी यात्राओं से प्रभावित होकर चुनावी राजनीति के जरिये जनसेवा करने की इच्छा जताई है. राजेश के इस दावे का रोड़ समुदाय की महासभा ने भी समर्थन किया है. रोड़ महासभा ने राजेश के नाम के समर्थन वाला लेटर दीपेंद्र हुड्डा को लिखा है, जिसमें उन्हें कलायत सीट से टिकट दिए जाने की मांग की है. हालांकि राजेश ने कलायत से टिकट की स्थिति नहीं बनने पर पुंडरी सीट पर भी दावा ठोका है.
जातिगत समीकरण का है खेल
कलायत और पुंडरी सीटों पर रोड़ समुदाय प्रमुख वोटबैंक की हैसियत रखता है. ये सीटें फिलहाल भाजपा के पास हैं. यदि कांग्रेस इन सीटों पर रोड़ समुदाय के किसी नेता को टिकट देती है तो उसके जीतने के चांस बढ़ सकते हैं. इसके चलते कांग्रेस ने कैथल जिले की इन दोनों विधानसभा सीटों के लिए राजेश का नाम भी शॉर्टलिस्ट उम्मीदवारों की सूची में शामिल किया है. उम्मीदवार के नाम की फाइनल घोषणा होना अभी बाकी है.
इंटरनेशनल कोच के तौर पर है इलाके में बेहद सम्मान
राजेश को इलाके में इंटरनेशनल बॉक्सिंग कोच के तौर पर आम जनता के बीच बेहद सम्मानित नजर से देखा जाता है. राजेश ने अपने परिवार की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए बॉक्सिंग को अपनाया था. उन्होंने अपने छोटे भाइयों, मनोज कुमार और मुकेश कुमार को भी कोचिंग देकर बेहतरीन बॉक्सर बनाया. मनोज कुमार 2012 के लंदन ओलंपिक और 2016 के रियो ओलंपिक में भारतीय बॉक्सिंग टीम का हिस्सा थे, जबकि उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था. 2013 से कुरुक्षेत्र में बॉक्सिंग एकेडमी चला रहे राजेश के कई अन्य शिष्य भी भारतीय बॉक्सिंग टीम का हिस्सा रह चुके हैं.
भारतीय कोचिंग टीम का भी हिस्सा रह चुके हैं राजेश
राजेश कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के खेल विभाग में तैनात हैं, जहां वे एथलीटों को उनके सपने पूरा करने की दिशा में मार्गदर्शन दे रहे हैं. अपनी एकेडमी में वे गरीब बॉक्सरों को मुफ्त ट्रेनिंग दे रहे हैं. राजेश 2016 के रियो ओलंपिक में खुद भी भारतीय टीम के कोचिंग स्टाफ का हिस्सा रह चुके हैं. खेल की दुनिया से राजनीति में आने को लेकर राजेश का कहना है कि राजनीति एक शक्तिशाली मंच है, जहां हम समाज के सभी वर्गों, विशेषकर युवाओं को समान अवसर प्रदान करके उन्हें सशक्त बना सकते हैं.
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