Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए भाजपा भरसक प्रयास कर रही है. पार्टी इस बार किसी भी तरह का जोखिम उठाने के लिए तैयार नहीं है. दूसरी तरफ टिकट कटने के बाद बागी हुए नेताओं के कारण कही बना बनाया समीकरण फैल न हो जाए इसका भी डर पार्टी को सता रहा है. टिकट न मिलने के कारण पार्टी से नाराज नेताओं के इस्तीफे का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. अब पूर्व राज्यमंत्री एवं पूर्व विधायक कर्णदेव कंबोज ने पार्टी का साथ छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन कर ली है.
पूर्व विधायक कर्णदेव कंबोज ने प्रदेश के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और चौधरी उदयभान की नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की है. इनके कांग्रेस में शामिल होने से भाजपा के लिए और भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं. ध्यान देने वाली बात ये है कि टिकट कटने के बाद कंबोज को मनाने के लिए पिछले हफ्ते ही सीएम नायब सैनी उनके घर पहुंचे थे. जब सीएम ने कंबोज से हाथ मिलाने के लिए हाथ आगे बढ़ाया तो कर्णदेव कंबोज सीएम नायब सैनी का हाथ झटकते हुए आगे बढ़ गए थे.
कंबोज के पार्टी छोड़ने से क्या पड़ेगा असर
दरअसल पूर्व राज्यमंत्री और पूर्व विधायक कर्णदेव कंबोज के भाजपा छोड़ने से जाट-नॉन जाट की राजनीति पर भी गहरा असर पड़ेगा. दूसरी तरफ कर्णदेव कंबोज को हरियाणा में ओबीसी वर्ग के बड़े नेता हैं और कंबोज समाज में अच्छी पकड़ रखते हैं. उन्होंने बीजेपी पर ओबीसी वर्ग की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है. ये सारे समीकरण अगर ठीक बैठते हैं तो भाजपा का इसका बहुत बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.
यह भी पढ़ें - Arvind Kejriwal को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, 177 दिन बाद जेल से आएंगे बाहर
गौरतलब है कि कंबोज लंबे समय से इंद्री विधानसभा सीट से टिकट की मांग कर रहे थे, लेकिन पार्टी से इसे नजरअंदाज करते हुए वर्तमान विधायक राम कुमार कश्यप को ही वापस उम्मीदवार बना दिया. पार्टी के इस फैसले से नाराज कर्णदेव कंबोज ने भाजपा छोड़ कांग्रेस ज्वाइन कर ली. इस दौरान कर्णदेव कंबोज ने ही नहीं बल्कि सैकड़ों समर्थकों ने कांग्रेस का हाथ थामा हैं. कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है.
ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.