हरियाणा और जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस नई रणनीति के तहत मैदान में उतरने की क़वायद करती नजर आ रही है. ये रणनाति गठबंधन की राजनीति की है. जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस जहां नेशनल कॉन्फ़्रेंस, सीपीआईएम और पैंथर्स पार्टी के साथ गठबंधन में है, वहीं हरियाणा में आप के साथ चुनावी मैदान में उतरनी की तैयारी कर रही है. माना जा रहा है कि कांग्रेस की ये रणनीति दोनों ही प्रदेशों में अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर देने के लिए बनाई जा रही है. ख़ासकर बीजेपी को हराने के लिए पार्टी नए तरीके से चुनाव में आना चाहती है.
इसके पीछे के सियासी समीकरण
राहुल गांधी पिछले कुछ समय से विपक्षी एकजुटता पर जोर देते नजर आ रहे हैं. हालिया घटनाक्रम की बात करें तो कांग्रेस को गठबंधन की राजनीति का फायदा भी हुआ है. उदाहरण के लिए लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखा जा सकता है. माना जा रहा है कि कांग्रेस की तरफ से घटक दलों को सीटें उनके लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन के आधार पर दी जा सकती है.
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हरियाणा में आप और कांग्रेस के बीच बातचीत
सूत्रों की ओर से खबर आ रही है कि आप पार्टी की तरफ से हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर 10 सीटों की मांग रखी जा रही है. वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस की ओर से 7 सीट देने की बात की जा रही है. आप पार्टी के सूत्रों के मुताबिक उनकी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के दौैरान राज्य की एक सीट पर चुनाव लड़ा था. इस लोकसभा सीट के अंतर्गत विधानसभा की 9 सीटें आती हैं. पार्टी इसी बिनाह पर विधानसभा की 10 सीटों पर चुानव लड़ना चाहती है, और यही वजह है कि कांग्रेस से 10सीटों की मांग रखी है.
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