Monu Manesar Arrest: हरियाणा में गिरफ्तार मोनू मानेसर 14 दिन के लिए जेल भेजा गया, नूंह हिंसा में आया था नाम

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 12, 2023, 04:58 PM IST

Monu Manesar

लंबे समय से फरार चल रहे मोनू मानेसर को हरियाणा पुलिस ने पकड़ लिया है. हालांकि, अभी हरियाणा पुलिस की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गई है. 

डीएनए हिंदी: लंबे समय से फरार चल रहे मोनू मानेसर को हरियाणा पुलिस ने पकड़ लिया है. हालांकि, अभी हरियाणा पुलिस की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गई है. आज सुबह ही हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर नूंह हिंसा में मारे गए एक युवक के परिजन से मिलने पहुंचे थे और हर संभव मदद का वादा किया था. मोनू मानेसर के खिलाफ हरियाणा और राजस्थान में कई मामले दर्ज हैं और वह काफी समय से फरार चल रहा है. नूंह हिंसा के समय राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा था कि हरियाणा पुलिस मदद नहीं कर रही है इसलिए मोनू मानेसर पकड़ा नहीं जा रहा है. मोनू मानेसर को नूंह कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, मोनू मानेसर को मानेसर की सेक्टर-1 मार्केट से उठाया गया है. एक्सक्लूसिव फुटेज में देखा गया है कि सिविल ड्रेस में पहुंची पुलिस की टीम ने मोनू मानेसर को पकड़ा है. पुलिस की टीम तीन गाड़ियों में पहुंची थी. हालांकि, पुलिस के अधिकारी अभी इस पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं.

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कौन है मोनू मानेसर?
हरियाणा के मानेसर के रहने वाले मोनू का असली नाम मोहित है. लोग उसे मोनू मानेसर के नाम से जानते हैं. पिछले 10 से 12 सालों से वह बजरंग दल से जुड़ा हुआ है. गोरक्षा अभियान चलाने वाले कई संगठनों से जुड़े मोनू मानेसर को गो तस्करी के खिलाफ अभियान चलाने की वजह से जाना जाता है. खुद मोनू मानेसर ने कई बार कैमरे पर कहा है कि इस काम में पुलिस उसका साथ देती है. अब यही आरोप लग रहे हैं कि मोनू मानेसर गोतस्करी रोकने के नाम पर जो 'गुंडई और अपराध' करता है उसे भी पुलिस का संरक्षण मिला हुआ है.

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कुछ दिनों पहले नासिर और जुनैद नाम के दो युवकों को मारकर जिंदा जला देने के मामले में भी मोनू मानेसर के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. राजस्थान पुलिस तब से ही मोनू मानेसर को ढूंढ रही थी लेकिन वह फरार था. इसके बावजूद नूंह हिंसा के समय उसके वीडियो सामने आए थे. नूंह हिंसा के समय कहा गया कि मोनू मानेसर के नूंह आने की अफवाह के बाद ही हिंसा शुरू हुई थी.

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