Farmers Protest: सड़क पर दीवार, बैरिकेडिंग और भारी फोर्स, किसानों के आंदोलन से पहली सील होने लगे बॉर्डर

Written By नीलेश मिश्र | Updated: Feb 10, 2024, 08:01 PM IST

Border Sealed

Haryana Internet Shutdown: किसानों के मार्च से पहले हरियाणा-पंजाब की सीमाओं को सील किया जा रहा है. हरियाणा के 7 जिलों में इंटरनेट और SMS सेवा बंद कर करने का आदेश दिया गया है.

पंजाब और हरियाणा के किसान (Punjab Haryana Farmers) एक बार फिर से दिल्ली की ओर कूच करने वाले हैं. 13 फरवरी को किसानों के मार्च से पहले ही हरियाणा में पंजाब से लगी सीमाओं को सील किया जाने लगा है. अब कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं (Internet Services) भी बंद की जा रही हैं. जगह-जगह सड़कों पर बैरिकेडिंग की जा रही है, कंक्रीट के डिवाइडर को सड़क के बीच में रखकर रास्ते बंद किए जा रहे हैं और कंटीले तार लगाकर रास्ते रोके जा रहे हैं. किसानों को रोकने के लिए पुलिस के साथ-साथ सीआरपीएफ भी तैनात कर दी गई है. साथ ही, मुख्य सड़कों के अलावा उन रास्तों को भी बंद किया जा रहा है जिनके जरिए किसान दिल्ली की ओर कूच कर सकते हैं.

किसानों आंदोलन को लेकर हरियाणा के अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिलों के अधिकार क्षेत्र में वॉयस कॉल को छोड़कर, मोबाइल नेटवर्क पर प्रदान की जाने वाली मोबाइल इंटरनेट सेवाएं, बल्क SMS और सभी डोंगल सेवाएं आदि निलंबित कर दी गईं हैं. आदेश 11 फरवरी की सुबह 6 बजे से 13 फरवरी की रात 11:59 बजे तक लागू रहेगा.

हरियाणा में पंजाब से सटी सीमाओं पर नाकेबंदी कर दी गई है और सुरक्षा एजेंसियां तैनात हैं. सीमेंट के पिलर्स और नुकीलों तारों के बैरिकेड से रास्ते बंद करके रूट डायवर्ट किया जा रहा है. साथ ही, 7 स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया जा रहा है. हरियाणा के कई जिलों में धारा 144 भी लागू कर दी गई है. पुलिस का कहना है कि पंजाब से आने वाले किसानों को किसी भी सूरत में सीमा में दाखिल नहीं होने दिया जाएगा.

यह भी पढ़ें- संसद में PM मोदी की तारीफ करने लगे जयंत चौधरी, गठबंधन कंफर्म

बंद कर दिया गया बॉर्डर
पंजाब से हरियाणा को जोड़ने वाली सड़कों पर कंक्रीट के बड़े-बड़े पिलर लगाकर और मिट्टी डालकर उन्हें बंद किया जा रहा है. हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर को अभी से स्थायी रूप से बंद कर दिया गया है और सड़क पर कंक्रीट के गर्डर रख दिए गए हैं. दरअसल, पिछली बार लोहे के गर्डर रखे गए थे जिसे किसानों ने ट्रैक्टर से धक्का देकर नदी में गिरा दिया था और दिल्ली की सीमा तक आ गए थे.

यह भी पढ़ें- पंजाब में भी INDIA गठबंधन टूटा, केजरीवाल ने किया अकेले लड़ने का ऐलान

किसानों की ताकत को ध्यान में रखते हुए हरियाणा में केंद्रीय बलों की 50 कंपनियां तैनात कर दी गई हैं. किसानों को चेतावनी दी जा रही है कि वे ऐसा कुछ भी न करें जिससे सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचे. साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि अगर किसान ऐसा करते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

क्यों दिल्ली आ रहे हैं किसान?
पिछली बार किसान आंदोलन जब खत्म हुआ था तब MSP पर भी निर्णय लेने की मांग की गई थी. किसानों का कहना है कि यह मांग पूरी नहीं हुई है. उनकी मांग है कि एमएसपी की गारंटी देने के लिए कानून बनाया जाए. इसी को लेकर दबाव बनाने के लिए वे दिल्ली आना चाहते हैं. केंद्र सरकार की ओर से तीन मंत्रियों ने किसान संगठनों से बातचीत भी की थी लेकिन यह बातचीत बेनतीजा रही थी.

यह भी पढ़ें- PTI चीफ की बहन का दावा, आर्मी करा सकती है Imran Khan की हत्या

पिछली बार किसान आंदोलन की अगुवाई करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा इस बार के दिल्ली मार्च में शामिल नहीं है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.