डीएनए हिंदी: सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच के मामले में सख्त टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत भरे भाषणों को लेकर दी गई याचिका इस मामले में सही हो सकती है कि ऐसी बातों और भाषणों से देश का पूरा माहौल खराब हो रहा है. कोर्ट की यह टिप्पणी उस दिन आई जिस दिन दिल्ली पुलिस ने हेट स्पीच मामले में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के खिलाफ एक FIR दर्ज की थी.
'हेट स्पीच पर रोक लगाने की जरूरत है'
सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायधीश यू यू ललित (Chief Justice U U Lalit) और जस्टिस एस रवींद्र भट की बेंच ने याचिकाकर्ता एच.मनसुखानी से हेट स्पीच से जुड़े कुछ वाकयों की डिटेल देने को कहा है. इसी के साथ कोर्ट ने कहा कि एक नागरिक के रूप में यह याचिका देते वक्त आप यह कहने में सही हो सकते हैं कि ऐसे नफरत भरे भाषणों से देश का पूरा माहौल खराब हो रहा है. शायद आपके पास यह कहने का उचित आधार है कि इस पर रोक लगाने की जरूरत है. कोर्ट ने इस मामले में 31 अक्टूबर तक हलफनामा दायर करने की बात कही है.
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मांगी हेट स्पीच पर अंकुश लगाने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी
एक अन्य मामले में कोर्ट ने उत्तराखंड और दिल्ली पुलिस से तुषार गांधी की एक याचिका पर हेट स्पीच पर अंकुश लगाने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी. याचिका में आरोप लगाया गया है कि दोनों राज्यों के पुलिस प्रमुख सुप्रीम कोर्ट के 2018 के फैसले की अवमानना कर रहे हैं, जिसमें हेट स्पीच को रोकने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और हिमा कोहली की बेंच ने दोनों विभागों से कथित नफरत भरे भाषणों के संबंध में उठाए गए कदमों के बारे में हलफनामा दाखिल करने को कहा.
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