डीएनए हिंदी: दिल्ली-NCR में भले ही कुछ दिनों से बारिश नहीं हो रही हो लेकिन बाढ़ का खतरा अभी टला नहीं है. दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर शनिवार को खतरे के निशान से नीचे आ गया जो पिछले कुछ दिनों से खतरे के निशान 205.33 मीटर के आसपास बना हुआ था. लेकिन हरियाणा के कुछ हिस्सों में लगातार हो रही बारिश की वजह से हथिनी कुंड बैराज (Hathni Kund Barrage) से शनिवार को यमुना नदी में 2 लाख 23 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. इस पानी की वजह से अगले 24 घंटे में यमुना का वाटर लेवल फिर बढ़ने की आशंका है. जिससे राजधानी में बाढ़ (Delhi Floods) का खतरा फिर से मंडराने लगा है. प्रशासन ने लोगों को यमुना से दूर रहने का अलर्ट जारी किया है.
मौसम विभाग के अलर्ट और पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश को देखते हुए हथनी कुंड बैराज में भारी मात्रा में पानी पहुंचा है. यहां से पानी छोड़े जाने से यमुना नदी में एक बार फिर उफान दिख रहा है. रविवार शाम तक यमुना का जलस्तर 206.70 मीटर पहुंचने का पूर्वानुमान. इसकी संभावना को देखते हुए शासन ने निचले इलाकों में मुनादी करना शुरू कर दिया है. प्रशासन ने लोगों को तटवर्ती इलाकों से दूर रहने की चेतावनी दी है.
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हथिनी कुंड बैराज से छोड़ गया पानी
जानकारी के मुताबिक, पहाड़ों में लगातार भारी बारिश हो रही है. जिसका पानी हथनीकुंड बैराज में पहुंच रहा है. बैराज में ज्यादा पानी होने की वजह से शनिवार सुबह 9 बजे 1.47 लाख क्यूसेक, 10 बजे 2.9 लाख क्यूसेक और 11 बजे के करीब 2 लाख 23 हजार क्यूसेक पानी यमुना नदी में छोड़ा गया. इस पानी के अगले 24 से 48 घंटे में दिल्ली पहुंचने की आशंका है. जिसकी वजह से दिल्ली में यमुना का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान (205.33) को पार कर सकता है. राजधानी में फिर बाढ़ की स्थिति बन सकती है.
यमुना से दूर रहने का अलर्ट जारी
केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने रविवार शाम तक यमुना नदी का जलस्तर 206.70 मीटर से ऊपर पहुंचने की आशंका जताई है. इसकी संभावना को देखते हुए प्रशासन ने दिल्ली के निचले इलाकों में मुनादी कार्य शुरू कर दिए हैं. साथ ही लोगों को तटवर्ती इलाकों से दूर रहने की चेतावनी दी गई है. जलस्तर बढ़ने से दिल्ली के बाढ़ प्रभावित निचले इलाकों में पुनर्वास प्रयासों में और देरी हो सकती है.
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भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 25 जुलाई तक हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी से अत्याधिक भारी बारिश की आशंका जताई है. केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के आंकड़ों के अनुसार, शनिवार सुबह 9 बजे यमुना का जलस्तर गिरकर 205.29 मीटर पर आ गया जो शुक्रवार शाम छह बजे 205.34 मीटर पर था. अन्य राज्यों में ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश का प्रभाव स्पष्ट होने से पूर्व इसमें और गिरावट आ सकती है. सीडब्ल्यूसी के आंकड़ों के अनुसार, यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज से जल बहाव सुबह 9 बजे 1.47 लाख क्यूसेक था जो 13 जुलाई से सर्वाधिक है. बांधों, नदियों और लोगों पर दक्षिण एशिया नेटवर्क के सह समन्वयक भीम सिंह रावत ने कहा, "ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश कम हो रही है और हथिनीकुंड बैराज से पानी का बहाव 3 लाख क्यूसेक के निशान को पार नहीं करना चाहिए.
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