काका हाथरसी हास्य कवि थे, पर उनके नाम वाला प्रदेश हाथरस हाल के कई गंभीर मसलों के कारण चर्चाओं में रहा है. हाथरस लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के उम्मीदवार के लिए रिजर्व है. इस लोकसभा सीट पर 7 मई 2024 को मतदान होना है. हाथरस संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की 5 सीटें शामिल हैं. ये सीटें हैं - छर्रा, इगलास (एससी), हाथरस (एससी), सादाबाद और सिकंदराराऊ.
इसे भी पढ़ें : Lok Sabha Elections 2024: यादव बहुल Mainpuri लोकसभा सीट किसके गाल पर बनाएगी 'डिंपल'
2019 के आम चुनाव में हाथरस लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के राजवीर दिलेर ने जीत दर्ज की थी. उन्हें कुल 684299 वोट मिले थे. राजवीर दिलेर के निकटतम प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार रामजी लाल सुमन थे. उन्हें हाथरस संसदीय क्षेत्र के 424091 वोटर्स का समर्थन मिला था. इस तरह वे 260208 वोटों के अंतर से यह चुनाव हार गए थे. 2019 के चुनाव में इस संसदीय क्षेत्र में कुल वोटर्स 1864320 थे. इसमें महिला वोटरों की संख्या 854512 थी, जबकि पुरुष वोटर 1009746 थे.
इसे भी पढ़ें : Lok Sabha Elections 2024: क्या इस बार भी Mathura में हेमा मालिनी को मिलेगा कृष्ण का आशीर्वाद
हाथरस संसदीय क्षेत्र मुस्लिम और जाट वोटर्स के प्रभाव वाला माना जाता है. पिछले 8 चुनावों में 7 बार बीजेपी तो एक बार आरएलडी की जीत हुई है. हालांकि तब आरएलडी का बीजेपी के साथ चुनावी गठबंधन था. इस रिजर्व सीट पर पहली बार 1962 में आम चुनाव हुए थे. तब कांग्रेस को जीत मिली थी. फिर 1967 और 1971 में भी कांग्रेस के खाते में यह जीत आई. इमरजेंसी के बाद 1977 में सत्ता विरोधी लहर थी. इस लहर ने कांग्रेस को यहां से विदा कर दिया और यह सीट भारतीय लोक दल के खाते में आई. 1980 में भी कांग्रेस को हार मिली, पर 1984 में कांग्रेस ने वापसी की. 1989 में यह सीट जनता दल के हिस्से आई. 1991 में हाथरस सीट बीजेपी का गढ़ बन गई, जो अब तक बरकरार है.
डीएनए हिंदी का मोबाइल एप्लिकेशन Google Play Store से डाउनलोड करें.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.