Hathras Stampede: बहन की तलाश में 100 शवों को देख चुका... रुला देगी इस बदहवास भाई की कहानी

रईश खान | Updated:Jul 04, 2024, 12:38 AM IST

Hathras Stampede

उत्तर प्रदेश के हाथरस में 2 जुलाई को हुई भगदड़ हादसे ने पूरे देश को दहलाकर रख दिया. इस घटना में 121 लोगों ने जान चल गई. अभी भी कुछ लोग ऐसे हैं जो अपनों की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं. कभी मुर्दाघर तो कभी अस्पताल के चक्कर लगाना पड़ रहा है. ऐसा ही एक बदहवास भाई राकेश कुमार है, जो अपनी बहन की तलाश में दर-दर भटक रहा है.

उत्तर प्रदेश के हाथरस में 2 जुलाई को हुई भगदड़ हादसे ने पूरे देश को दहलाकर रख दिया. इस घटना में 121 लोगों ने जान चल गई. अभी भी कुछ लोग ऐसे हैं जो अपनों की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं. कभी मुर्दाघर तो कभी अस्पताल के चक्कर लगाना पड़ रहा है. ऐसा ही एक बदहवास भाई राकेश कुमार है, जो अपनी बहन की तलाश में दर-दर भटक रहा है.

राकेश अपनी लापता बहन हरबेजी देवी की तलाश में 100 से ज्यादा शवों को देख चुका है, लेकिन उसे उसकी बहन का कोई सुराग नहीं लग रहा है. हरबेजी देवी उम्र 50 वर्ष है. राकेश ने कहा कि वह बाइक से हाथरस, एटा और अलीगढ़ के पोस्टमार्टम हाउस में सब जगह देख चुका है लेकिन हरबेजी देवी का पता नहीं चल रहा है.

बाइक से बहन को तलाश रहा भाई
राकेश कुमार यूपी के कासगंज का रहने वाला है. उन्होंने बताया कि मंगलवार को मुझे अलीगढ़ के एक गांव में रहने वाले मेरे बहनोई का फोन आया. बेहनोई ने बताया कि हरबेजी सत्संग में गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी, जबकि उनके पड़ोसी (जो कार्यक्रम में शामिल होने गए थे) घर पहुंच गए. बहन की यह खबर सुनते ही राकेश ने तुरंत अपनी मोटरसाइकिल से भगदड़ स्थल की ओर रवाना हो गए, लेकिन उन्हें वहां अपनी बहन के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली.

उन्होंने कहा, 'मुझे बताया गया कि कुछ शव हाथरस और अलीगढ़ भेजे गए हैं. फिर मैं अपनी बहन को ढूंढते हुए वहां गया. मैंने आकस्मिक वार्ड भी देखा, जहां घायलों का इलाज किया जा रहा था, लेकिन वह वहां भी नहीं मिलीं. इसके बाद मैंने प्रशासन द्वारा जारी मृतकों की सूची देखी और हर हेल्पलाइन नंबर पर फोन करके उसे ढूंढने की कोशिश की, लेकिन मेरे अब तक के सारे प्रयास व्यर्थ रहे.  


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'मैं अपनी बहन की तलाश जारी रखूंगा'
राकेश ने कहा कि अब तक भले ही मैं अपनी बहन को ढूंढ नहीं पाया. लेकिन हिम्मत नहीं हारूंगा. हरबेजी के दो बेटियां और दो बेटे हैं. कुमार की तरह कई अन्य लोग भी थे, जो अपने लापता परिजनों की तलाश में या अपने प्रियजनों के शव लेने के लिए आसपास के जिलों से मुर्दाघरों में तलाश रहे हैं.

मथुरा के विशाल कुमार ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद वह मौके पर गए और हर जगह तलाश की, लेकिन उनकी मां पुष्पा देवी नहीं मिलीं. विशाल कुमार ने कहा, 'आखिरकार हमें पता चला कि उनका शव पोस्टमार्टम के लिए आगरा भेज दिया गया है, इसलिए मैं यहां आया हूं. उन्होंने बताया कि उनकी मां लगभग एक दशक से भोले बाबा की भक्त थीं.

बता दें कि हाथरस में एक 'सत्संग' में मंगलवार को मची भगदड़ में मरने वालों की संख्या बुधवार को बढ़कर 121 हो गई. यूपी पुलिस ने सत्संग के आयोजकों के खिलाफ FIR दर्ज की है. साथ ही सत्संग करने वाले भोले बाबा की तलाश की जा रही है. पुलिस ने बाबा के आश्रम पर छापा मारा लेकिन वह मिला नहीं.

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