जानलेवा गर्मी... तीन में महीने में हीट स्ट्रोक की चपेट में आए 24,849 लोग, 56 की मौत

Written By रईश खान | Updated: Jun 01, 2024, 11:16 PM IST

heat wave

Heat Wave News: स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, मध्य प्रदेश में पिछले 3 महीने के दौरान गर्मी से संबंधित बीमारियों के कारण 14 लोगों की मौत हो चुकी है.

देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी से आफत मची हुई है. लोग लू और हीट स्ट्रोक से दम तोड़ रहे हैं. राजस्थान, बिहार, झारखंड और ओडिशा समेत कई राज्यों में गर्मी की वजह से मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. पिछले तीन महीने में 24,849 से ज्यादा लोग भीषण गर्मी की चपेट में आ चुके हैं. इनमें से 56 की मौत हो गई. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को यह आंकड़े जारी किए. 

राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र (NCDC) द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, केवल मई में ही 46 लोगों की मौत हुई. इसमें बताया गया कि 1 मई से 30 मई के बीच देश में लू (Heat Wave) के 19,189 संदिग्ध मामले सामने आए.  इन आंकड़ों में उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली में हुई मौतों की संख्या को शामिल नहीं किया गया है. ऐसे में मौतों का आंकड़ा बढ़ने की उम्मीद है.

देश के ज्यादातर हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ रही है. भारत में शुक्रवार को गर्मी से संबंधित मामलों में कम से कम 40 लोगों की मौत होने की जानकारी मिली, जिनमें उत्तर प्रदेश और बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए तैनात 25 कर्मचारी भी शामिल हैं. अधिकारियों के मुताबिक, भीषण गर्मी के कारण ओडिशा में 10, बिहार में आठ, झारखंड में चार और उत्तर प्रदेश में एक व्यक्ति की मौत हो गई.

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महाराष्ट्र में 11 लोगों की मौत
वहीं, राजस्थान में गर्मी से अब तक कम से कम पांच लोगों की मौत हुई है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, मध्य प्रदेश में पिछले 3 महीने के दौरान गर्मी से संबंधित बीमारियों के कारण 14 लोगों की मौत हो गई. वहीं, महाराष्ट्र में 11 लोगों की मौत हुई. एक अधिकारिक सूत्र ने कहा, 'उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली जैसे राज्यों से भीषण गर्मी से होने वाली मौतों का आंकड़ा आना बाकी है. कुछ राज्यों ने आंकड़ा प्रविष्टि (डेटा एंट्री) में दिक्कतों की सूचना दी.

राज्यों की ओर से दिए गए आंकड़ों को अंतिम नहीं माना जा सकता है, इसलिए मौतों की संख्या बढ़ सकती है. राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र (एनसीडीसी) के अनुसार, इन मौतों का कारण भीषण गर्मी या 'हाइपरथर्मिया' हो सकता है, क्योंकि शरीर का तापमान 40.6 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक था.

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