Heatwave in India: भारत में बढ़ रही हीटवेव, केंद्र ने दी चेतावनी- और खराब हो सकते हैं हालात

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 03, 2022, 05:51 PM IST

देश में बढ़ रही गर्मी के बीच केंद्र सरकार ने चिंता जताई है कि आने वाले समय में भारत में गर्मी और बढ़ सकती है जिससे आम लोगों को मौसम संबंधित अनेकों परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

डीएनए हिंदी: भारत ने इस साल सबसे गर्म मार्च महीने का सामना किया है. यह मार्च का महीना पिछले एक दशक का सबसे गर्म महीना था. इस साल अप्रैल और मई में भी सबसे ज्यादा गर्मी थी. इस तरह से बढ़ती गर्मी का मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन माना जा रहा है. वहीं यह  भी माना जा रहा है कि आने वाले वर्षों में हीटवेव की तीव्रता भी बढ़ जाएगी जिससे भारत में गर्मी के दौरान बीमारियों में इजाफा हो सकता है. 

केंद्र सरकार ने बुधवार को मौसम के बारे में जो कहा है वह काफी चिंताजनक है. केंद्र ने कहा कि मानसून के दौरान इस बार गर्मी काफी बढ़ गई है. वहीं केंद्र ने यह भी कहा है कि भविष्य में और अधिक गर्मी की लहरें(हीट वेव) देखी जा सकती हैं. इसके साथ ही उन्होंने राहत की खबर यह दी है कि हाल के वर्षों में गर्मी से सम्बंधित मौतों में कमी आई है.

दशक का सबसे गर्म साल

भारत ने पिछले एक दशक में सबसे गर्म साल का सामना किया है. अप्रैल और मई में भी तापमान समान्य से अधिक था. केंद्र सरकार ने बताया कि यह सब बदलाव जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहा है. हीटवेव मुख्य रुप से अप्रैल और मई के बीच मे आता है. विज्ञान प्रौधोगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह ने संसद को बताया कि पिछले दो दशकों में मानसून के दौरान औसत तापमान बढ़ रहा है.

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166,000 से अधिक लोगों की गई जान

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया है कि 1998 -2017 के बीच वैश्विक स्तर पर हीट वेव (लू) के कारण 166,000 से अधिक लोगों की मौत हुई है. इसके साथ ही विश्व स्वास्थ्य  संगठन द्वारा यह भी बताया गया कि 2030-2050 के बीच जलवायु परिवर्तन से मलेरिया, कुपोषण, डायरिया  और गर्मी के कारण प्रतिवर्ष लगभग 250,000 मौतें होने की संभावनाएं हैं. 

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क्या होता है हीट वेव

भारतीय मौसम विभाग देश के अलग-अलग इलाकों में गर्मी सहन करने की क्षमता के अनुरुप हीट वेव का निर्धारण करता है जिसे लू  कहा जाता है. मई जून के महीनों में उत्तरी और मध्य तथा पश्चिमि भारत में हर साल हीट वेव की स्थिति बनी रहती है. भारतीय मौसम विभाग ने राजस्थान, हरियाणा, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, तेलंगना को मुख्य रुप से हीट वेव वाले राज्यों की श्रेणी में रखा है.

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