डीएनए हिंदी: उत्तर भारत में बारिश का कहर जारी है. हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश की वजह से हाहाकार मचा हुआ है. मानसून की शुरुआत के बाद से ही हिमाचल में स्थितियां बिगड़ गई थीं. बारिश और लैंडस्लाइडिंग के चलते कई लोगों की मौत हो गई. हिमाचल प्रदेश में कई प्रमुख शहरों में घर और गाड़ियां पानी में बह गए. आइए जानते हैं कि हिमाचल की स्थिति क्या है?
हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में कई दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है और अगले कुछ दिनों तक राहत मिलने की संभावना भी नहीं है. लगातार हो रही बारिश के कारण राज्य के कई इलाकों में बाढ़ आ गई है. सड़कें और हाईवे क्षतिग्रस्त हो गए हैं. मौसम विभाग के वैज्ञानिक संदीप कुमार ने बताया कि अगले 24 घंटे में सोलन, शिमला, सिरमौर कुल्लू, मंडी, किन्नौर और लाहौल में भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है. इसके साथ उना, हमीरपुर, कांगड़ा और चंबा में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.
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व्यास नदी में उफान के कारण बाढ़ जैसी स्थिति
ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ जाने के कारण मंडी में मंगलवार को बाढ़ जैसी स्थिति बन गई. जिसकी वजह से कई घर और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं. इसके साथ भारी बारिश की वजह से 12 पुल पानी में बह गए हैं. अनुमान है कि इसकी वजह से 3,000 करोड़ से 4,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. 7 नेशनल हाईवे समेत 828 से ज्यादा सड़के ठप हैं. 403 सरकारी बसें आधे रास्ते में फंसी हुई है और करीब 1000 बसों का रूट प्रभावित हुआ है.
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मानसून में गई इतने लोगों की जान
बीते सोमवार को 8 लोगों की मौत हो गई जबकि छह उफनती नदियों और नालों में बह गए हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 24 जून को हिमाचल पहुंचे मानसून से अब तक 63 लोगों की जान जा चुकी है. प्रदेश भर में 28 घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं और 55 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं. 92 गौशालाएं बह गई हैं, जिसमें 12 जानवरों की मौत हो गई.
इस जिले में इंटरनेट सेवा हुई बंद
मंडी और कुल्लू मनाली जैसे इलाकों में हजारों सैलानियों और स्थानीय लोग फंसे हुए हैं. बाहरी राज्यों के फंसे हुए लोगों से संपर्क नहीं हो पा रहा है. जबकि कुल्लू शहर को छोड़कर अधिकतर जिले में इंटरनेट सेवा भी ठप हो गई है. सरकार ने क्षतिग्रस्त सड़कों को सही करने के लिए 600 से अधिक मशीनरी लगाई है.
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