झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कस्टडी पांच दिन के लिए बढ़ा दी गई है. ईडी ने बुधवार को हेमंत सोरेन को रांची की एक अदालत में पेश किया था और सात दिन की हिरासत मांगी थी. ईडी ने कोर्ट से कहा कि हेमंत सोरेन के खिलाफ काफी ज्यादा मात्रा में पुख्ता सबूत हैं जिनकी गहनता से जांच जरूरी है. ईडी ने कहा है कि कुछ ऐसे सबूत भी मिले हैं जो दर्शाते हैं कि जमीन घोटाले के अलावा ट्रांसफर-पोस्टिंग और सरकारी भर्तियों में भी गड़बड़ी की जा रही थी. इसके अलावा, पश्चिम बंगाल के कोयला घोटाले के आरोपी अनूप मांझी से भी संबंधों की आशंका जताई गई है.
ईडी ने हेमंत सोरेन को 31 जनवरी 2024 को गिरफ्तार किया था जिसके बाद 1 फरवरी को अदालत में पेश करके पांच दिनों की रिमांड ली थी. अब एजेंसी का कहना है कि इन पांच दिनों के रिमांड के दौरान एक दिन हेमंत सोरेन को अदालत के आदेश पर विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए ले जाना पड़ा जिससे पूछताछ नहीं हो पाई. ईडी का कहना है कि बाकी समय भी जो सबूत उनको दिखाए गए या पूछताछ की गई उसमें उनका सहयोग नहीं मिला.
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'जांच में सहयोग नहीं कर रहे हेमंत'
एजेंसी ने जांच के दौरान हेमंत सोरेन को उनके करीबी बिनोद सिंह के साथ Whatsapp पर हुई बातचीत भी दिखाई जिसमें काफी सारी संपतियों के बारे में जिक्र किया गया है. हालांकि, हेमंत सोरेन ने इस बात को मानने से इनकार कर दिया और पूछताछ के दौरान जो दस्तावेज और मोबाइल पर बातचीत के प्रिंट आउट दिखाए गए उस पर साइन करने से मना कर दिया. यानी सीधे तौर पर जांच में सहयोग नहीं किया.
खास बात यह है कि बिनोद सिंह के साथ हेमंत सोरेन की जो बातचीत है उसमें साफ दिखाई दे रहा है कि मामला सिर्फ जमीन घोटाले या उस पर कब्जे का नहीं है बल्कि झारखंड में ट्रासंफर पोस्टिंग का भी खेल चल रहा था. इस ट्रांसफर पोस्टिंग के जरिए अवैध कमाई की जा रही थी. इसके अलावा, बिनोद के फोन से एजेंसी को झारखंड स्टाफ स्लेक्शेन कमीशन की परीक्षा में शामिल होने वाले बच्चों के एडमिट कार्ड की फोटो भी मिली है जिससे एजेंसी को शक है कि भर्तियों में भी घोटाला किया गया है.
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एजेंसी ने दावा किया कि जो सबूत और बातचीत की फोटो फिलहाल अदालत में पेश की गई है वह सिर्फ नमूना भर है जबकि दोनों की बातचीत के करीब 539 पेज है जिसमें तस्वीरें शामिल नहीं है. इस बातचीत में काफी सारे अहम और संवेदनशील दस्तावेजों को भेजा गया है.
बिनोद सिंह के फोन से सबूत मिलने का दावा
ईडी ने अदालत में बताया कि पूछताछ के दौरान हेमंत सोरेन से उनके मोबाइल फोन के बारे में पूछा गया ताकि बिनोद सिंह और उनके बीच हुई बातचीत के बारे में पूरा ब्यौरा निकाला जा सके लेकिन हेमंत सोरेन ने इस बारे में किसी तरह की जानकारी नहीं दी और साथ ही मोबाइल फोन नहीं दिया. बिनोद सिंह के मोबाइल से जो बातचीत मिली है उससे एजेंसी को शक है कि हेमंत सोरेन के पश्चिम बंगाल के कोयला घोटाले के आरोपी अनूप मांझी से भी तार जुड़े हैं और कहीं ना कही कोयला घोटाले में भी शामिल हो सकते हैं.
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ED ने यह भी बताया कि जब हेमंत सोरेन को 8 अगस्त 2023 को पहली बार पूछताछ के लिए नोटिस दिया गया था और 14 अगस्त को पेश होने के लिए कहा था तभी दो दिन बाद 16 अगस्त को राज कुमार पहान नाम के आदमी की तरफ से बारगई में सर्किल ऑफिसर के यहां एक याचिका दाखिल की गई जिसमें उसकी जमीन पर किसी के अवैध कब्जे की शिकायत दी गई. जिसके बाद इस जमीन के वेरिफिकेशन की शुरूआत की गई.
जब एजेंसी दिल्ली में हेमंत सोरेन के घर पर छापेमारी कर रही थी तभी जमीन का मालिकाना हक राज कुमार को दे दिया गया. यानी जब एजेंसी ने 20 अप्रैल 2023 को इस जमीन की जांच शुरू की थी तब इस जमीन का मालिकाना हक या कब्जा हेमंत सोरेन के पास था लेकिन जांच के दौरान ही शातिराना तरीके से इस जमीन को राज कुमार को दे दिया गया.
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