SC या चुनाव आयोग के आदेश से जाएगी हेमंत सोरेन की कुर्सी? CM हाउस पर बुलाए गए सभी विधायक

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Aug 19, 2022, 09:01 PM IST

हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है.

Jharkhand Political Crisis: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को डर सताने लगा है कि सुप्रीम कोर्ट या चुनाव आयोग के फैसले के बाद उनकी कुर्सी छिन सकती है. इसी के मद्देनजर सभी विधायकों को निर्देश जारी किए गए हैं.

डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र में जैसा हुआ वैसा कहीं झारखंड में न हो जाए. यह डर झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और कांग्रेस गठबंधन को लंबे समय से सता रहा है. इस यूपीए गठबंधन ने आरोप भी लगाए हैं कि बीजेपी (BJP) लगातार कोशिश कर रही है कि झारखंड सरकार को गिराया जा सके. अब ऑफिस ऑफ प्रॉफिट से जुड़े विवाद में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के खिलाफ केंद्रीय चुनाव आयोग में सुनवाई पूरी होने के बाद झारखंड की सरकार एक्स्ट्रा अलर्ट मोड में है. इस मामले में फैसला कभी भी आ सकता है. इसी को देखते हुए गठबंधन ने शनिवार को सभी विधायकों की बैठक बुलाई है. साथ ही, यह भी कहा गया है कि सभी विधायक राजधानी रांची के आसपास ही रहें.

बीजेपी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर अपने नाम माइनिंग लीज लेने का आरोप लगाते हुए उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की थी. इसी मामले में चुनाव आयोग ने सुनवाई की. अब चुनाव आयोग का फैसला किसी भी दिन आ सकता है. उधर माइनिंग लीज और शेल कंपनियों में निवेश के आरोपों से संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने भी सुनवाई पूरी ली है और अपना फैसला सुरक्षित रखा है.

यह भी पढ़ें- मनीष सिसोदिया के घर पड़ी रेड तो भड़के संजय सिंह, बोले- 2024 में केजरीवाल बनाम मोदी की होगी जंग

फैसले से बदल सकती है झारखंड की राजनीति
चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट, दोनों के आगामी फैसले राज्य के सत्ता समीकरण को प्रभावित कर सकते हैं. लिहाजा, इन सबके मद्देनजर यूपीए ने शनिवार को सीएम आवास में बेहद ज़रूरी मीटिंग बुलाई है. गठबंधन के सभी विधायकों को राज्य की राजधानी रांची के आस-पास मौजूद रहने को कहा गया है. माना जा रहा है कि किसी भी संभावित खतरे के मद्देनजर सरकार अपने गठबंधन की किलेबंदी की मजबूती सुनिश्चित करना चाहती है. 

यह भी पढ़ें- PM उम्मीदवारी की लिस्ट में आया केजरीवाल का नाम, राहुल, नीतीश और ममता भी हैं पीएम इन वेटिंग

बीते 30 जुलाई को कांग्रेस के तीन विधायक कोलकाता में 49 लाख रुपये कैश के साथ पकड़े गये थे. कांग्रेस नेतृत्व ने अपनी प्रारंभिक जांच में पाया था कि ये तीनों झारखंड की सरकार को गिराने के लिए असम से रची जा रही एक साजिश का हिस्सा बन गए थे और इसी वजह से इन तीनों को पार्टी ने निलंबित कर रखा है. कांग्रेस को लगता है कि साजिश के तार अब भी बुने जा सकते हैं. लिहाजा, तीन निलंबित विधायकों के अलावा पार्टी के अन्य 15 विधायकों की हर गतिविधि पर नेतृत्व की अब गहरी निगाह है.

विधायकों को निर्देश, स्पीकर ने रद्द किया विदेश दौरा
जेएमएम ने भी अपने विधायकों को ऐसे ही निर्देश दिए हैं. विधानसभा में जेएमएम के सचेतक विधायक मथुरा महतो ने कहा कि पार्टी के सभी विधायक शनिवार को सीएम आवास पर 11 बजे पहुंचेंगे. इधर जेएमएम से ताल्लुक रखने वाले झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो को कनाडा में होने वाली राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की बैठक में शिरकत करने के लिए गुरुवार को रवाना होना था लेकिन उन्होंने अंतिम समय में यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया. हालांकि, इसके पीछे उन्होंने अपनी सेहत से जुड़े कारणों का हवाला दिया है. स्पीकर के साथ जेएमएम के विधायक निरल पूर्ति को भी जाना था. उन्होंने भी यह कार्यक्रम रद्द कर दिया.

यह भी पढ़ें- NYT की खबर पर दिल्ली में छिड़ी 'सियासी जंग', पढ़ें, एक-दूसरे पर क्या आरोप लगा रही हैं BJP और AAP

क्या झारखंड की सरकार को वाकई कोई खतरा है? इस सवाल पर शुक्रवार को पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि सरकार में कोई क्राइसिस नहीं है. राज्य में जबसे गठबंधन की सरकार बनी है, बीजेपी तभी से हर कुछ रोज पर इसके गिरने की मियाद तय करती रहती है. भट्टाचार्य ने कहा कि शनिवार को बुलाई गई यूपीए की बैठक सुखाड़ (सूखा) के मुद्दे पर है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.