हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने बंद किए बीजेपी शासन में खुले सैकड़ों PHC, जानिए क्या है वजह

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Dec 25, 2022, 05:59 PM IST

BJP Protests Against Congress Government

Himachal Pradesh De Notification: हिमाचल प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सरकार बनने के कुछ दिनों बाद ही विवाद शुरू हो गया है.

डीएनए हिंदी: हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) की सरकार बनने के तुरंत बाद ही कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने आ गई हैं. कांग्रेस सरकार ने बीजेपी के राज में खुल 590 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (Primary Health Center) को बंद करने का फैसला लिया है. इसके खिलाफ बीजेपी का डेलिगेशन राज्यपाल से शिकायत करने पहुंच गया. इस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि इन लोगों ने आखिरी के 6 महीने में इतने PHC खोल दिए और उनमें स्टाफ नहीं है. सीएम सुक्खू के मुताबिक, ज्यादातर PHC चपरासियों के भरोसे चल रहे हैं इसीलिए उन्हें बद किया गया है.

हाल ही में हिमाचल प्रदेश की नई सरकार ने कई सरकारी संस्थानों को डिनोटिफाई करने का आदेश जारी कर दिया. इसमें ज्यादातर ऐसे संस्थान हैं जिन्हें बीजेपी सरकार ने अपने कार्यकाल के आखिरी समय में खोला था. इसी फैसले के तहत हिमाचल प्रदेश में मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर खोले गए 590 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को बंद कर करने का ऐलान किया गया है. साथ ही, आयुर्वेदिक उप स्वास्थ्य केंद्र और पशु अस्पतालों को भी बंद कर दिया गया है.

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बीजेपी ने राज्यपाल और पीए मोदी से की शिकायत
इसी के खिलाफ राज्यपाल से शिकायत करने पहुंचे पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा, "हिमाचल प्रदेश में ऐसे संस्थानों को डिनोटिफाई किया जा रहा है जो एक समय पर कार्यरत थे. हमने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल और पीएम मोदी से अपील की है कि वे इसकी समीक्षा करें. हम इसमें कानूनी विकल्प भी तलाश रहे हैं."

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बीजेपी के आरोपों पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, "जयराम ठाकुर सरकार ने साढ़े 4 साल में न तो एक भी ऑफिस खोला और न ही एक भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोला और चुनाव आने पर इन लोगों ने 590 संस्थान खोल दिए. हमने 5 विधायकों की कमेटी बनाई और हमें पता चला कि इन PHC को चपरासी चला रहे हैं."

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सीएम बोले- चपरासी के भरोसे चल रहे थे PHC
उन्होंने आगे कहा, "लगभग 25-30 PHC ऐसे भी मिले जिसमें एक चपरासी तक नहीं है. कोई भर्ती भी नहीं की गई है. इन संस्थानों को चलाने के लिए 3,000 करोड़ रुपये चाहिए और हिमाचल प्रदेश 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है. पहले आपको 3,000 करोड़ रुपयों का इंतजाम करना चाहिए था. चुनाव के समय ऐसे संस्थान खोलने के बावजूद लोगों ने आपको नकार दिया. हम यहां सिस्टम बदलने के लिए आए हैं. हम इन संस्थानों को खोलेंगे लेकिन पहले भर्ती की जाएगी."

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