डीएनए हिंदी: हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश का कहर जारी है. दोनों ही राज्यों में व्यापक स्तर पर भूस्खलन हो रहा है जिसके चलते कई दर्जन घर धराशायी हो चुके हैं. हिमाचल प्रदेश में अभी तक 60 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. वहीं, उत्तराखंड में भी बाढ़, भूस्खलन और बारिश संबंधित घटनाओं में 20 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. दोनों राज्यों में नदियां उफान पर हैं. इसका नतीजा यह हो रहा है कि अब दिल्ली में भी यमुना नदी खतरे के निशान को पार कर चुकी है. हिमाचल प्रदेश में ब्यास तो उत्तराखंड में गंगा और यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ा है.
भारी बारिश के चलते हिमाचल प्रदेश में सभी स्कूलों और कॉलेजों को बंद कर दिया गया है. सैकड़ों रास्तों पर भूस्खलन के चलते आवागमन भी पूरी तरह से ठप पड़ गया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोगों से अपील की है कि वे जलाशयों के पास या फिर फिसलन वाले रास्तों पर न जाएं. उन्होंने यह भी बताया कि दो-तीन महीने से जारी भारी बारिश और भूस्खलन के चलते हिमाचल प्रदेश को अभी तक 10 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है.
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दिल्ली में बढ़ गया यमुना का जलस्तर
केंद्रीय जल आयोग की वेबसाइट के अनुसार, पुराने लोहा पुल के पास मंगलवार शाम को 6 बजे तक यमुना का जलस्तर 204.94 मीटर तक पहुंच गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा के यमुनानगर में बने हथिनीकुंड से काफी पानी छोड़ा गया है. दिल्ली सरकार के सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने बताया है कि नदी के किनारे वाले निचले इलाकों में फिर से बाढ़ आ सकती है.
हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में 16 और 17 अगस्त को सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखा जाएगा. सोशल मीडिया पर कई वीडियो सामने आए हैं जिनमें देखा जा सकता है कि देखते ही देखते घर धराशायी हो जा रहे हैं. कई इलाकों में बादल फटने की वजह से बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. इसके अलावा, ब्यास और कई अन्य नदियां उफान पर हैं. हिमाचल प्रदेश के सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे फंसे हुए लोगों की मदद करें और उन्हें प्रभावित इलाकों से सुरक्षित निकालें.
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उत्तराखंड में भी मची है तबाही
भारी बारिश ने उत्तराखंड में भी तबाही मचा रखी है. अभी तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है और कई दर्जन लोग घायल भी हुए हैं. सोमवार को उत्तराखंड में रेड अलर्ट जारी किया गया था. वहीं, अलकनंदा, मंदाकिनी और गंगा नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर है. इसके चलते ऋषिकेश और हरिद्वार में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं.
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