डीएनए हिंदी: हिमाचल प्रदेश में दो दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण एक बार फिर से तबाही आ गई है. शिमला में भीषण भूस्खलन हुआ है तो सोलन में बादल फटने की घटना सामने आई है. इस तरह हिमाचल में सोमवार को कम से कम 29 लोगों की मौत गो गई. शिमला में एक शिव मंदिर ढह जाने से 12 लोगों की मौत हो गई. हिमाचल के अलावा उत्तराखंड में भी भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाएं जारी हैं. हिमाचल प्रदेश में राहत और बचाव कार्य के लिए NDRF और एसडीआरएफ की दर्जनों टीमें लगाई गई हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपील की है कि लोग फिसलन वाले क्षेत्रों से दूर रहें और जलाशयों या नदियों के पास न जाएं.
समर हिल में मौजूद इस शिव मंदिर में हादसे के वक्त 25-30 लोग मौजूद थे. श्रावण मास के कारण मंदिर में भीड़ थी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने मृतकों की संख्या की पुष्टि करते हुए कहा था कि अब तक नौ शव निकाले जा चुके हैं. हालांकि, बाद में यह संख्या और बढ़ गई. उन्होंने एक बयान में कहा, 'स्थानीय प्रशासन लोगों को बचाने को मलबे को हटाने के लिए काम कर रहा है.' एक अन्य प्राकृतिक आपदा में, सोलन जिले के कंडाघाट क्षेत्र में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के बाद सात लोग जिंदा दफन हो गए.
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सोलन में फटा बादल
यह आपदा राज्य की राजधानी से करीब 45 किलोमीटर दूर धवला उप-तहसील के जादोन गांव में देर रात करीब 1.30 बजे घटी. अधिकारियों ने बताया कि चार शव बरामद कर लिए गए हैं और पांच को बचा लिया गया है. तीन लापता लोगों का पता लगाने के लिए बचाव अभियान जारी है. बारिश के कहर ने बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचाया है और पहाड़ी राज्य में कई लोगों के जीवन को प्रभावित किया है. मंडी जिले में बारिश के कारण छह लोगों की मौत हो गई.
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मंडी के डिप्टी कमिश्नर अरिंदम चौधरी ने कहा कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है. मझवार गांव में दो घर और एक गौशाला क्षतिग्रस्त हो गए, जहां दो लोग लापता बताए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों से बादल फटने और भूस्खलन की खबरें सामने आई हैं, इससे जान-माल का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा, 'मैं लोगों से आग्रह करता हूं कि वे फिसलन वाले क्षेत्रों से बचें और जल निकायों से दूर रहें.'
तेज रफ्तार से बह रही है व्यास नदी
चंडीगढ़-मनाली हाइवे शुक्रवार से मंडी और कुल्लू के बीच यातायात के लिए बंद है जबकि सोमवार को भूस्खलन के कारण मंडी और कुल्लू के बीच वैकल्पिक रास्ते भी बंद हो गए. मनाली और कुल्लू के बीच ब्यास नदी का प्रवाह काफी बढ़ गया है. कुल्लू, मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा तथा नूरपुर कस्बों में नदी से सटे क्षेत्र भी ऐसे ही हैं. अभी भी हिमाचल के कई इलाकों में भारी बारिश जारी है जिसके चलते व्यास नदी का जलस्तर और प्रवाह काफी तेज हो गया है.
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