डीएनए हिंदी: हिमाचल प्रदेश की नई कांग्रेस सरकार ने पेपर लीक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने हिमाचल प्रदेश स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (HPSSC), हमीरपुर के सभी कामों को तत्काल प्रभाव से रोक दिया है. अगले आदेश तक के लिए सभी भर्तियों को पर भी रोक लगा दी गई है. कांग्रेस सरकार ने यह फैसला जूनियर ऑफिस असिस्टैंट (आईटी) का पेपर लीक होने के बाद यह सख्त कार्रवाई की है. साथ ही, इस आयोग के कई अधिकारियों को भी हटा दिया गया है.
हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रमुख मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने बताया, "हिमाचल प्रदेश की सरकार ने तत्काल प्रभाव से HPSSC के कामों को निलंबित कर दिया गया है. यह फैसला राज्य में पेपर लीक माफिया को रोकने के लिए लिया गया है." राज्य सरकार ने HPSSC के सेक्रेटरी जितेंद्र कुमार और डिप्टी सेक्रेटरी संजीव कुमार को भी उनके पदों से मुक्त कर दिया है.
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HPSSC की कर्मचारी ही बेच रही थी पेपर
आयोग के कामों पर रोक लगाने के बाद कांग्रेस सरकार ने हमीरपुर के अडिशनल डिप्टी कमिश्नर को HPSSC के लिए ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी के पद पर तैनात किया है. इससे पहले, शुक्रवार को राज्य विजिलेंस टीम और ऐंटी करप्शन ब्यूरो ने कुल 6 लोगों को गिरफ्तार किया था. इसमें एक महिला सीनियर ऑफिस असिस्टेंट भी थी जो कि HPSSC के सीक्रेसी ब्रांच में तैनात थी. बताया गया है कि महिला के बेटे और तीन अन्य लोगों ने नकल माफिया से पेपर खरीदा था.
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सूत्रों के मुताबिक, विजिलेंस ब्यूरो को खबर मिली थी कि जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (IT) का पेपर 2.5 लाख रुपये में बिक रहा है. HPSSC में काम करने वाली महिला कर्मचारी के बेटे ने कथित तौर पर उस शिकायतकर्ता को अपने घर बुलाया था और 2.5 लाख रुपये लाने को कहा था. मौके पर पहुंचर विजिलेंस टीम ने महिला कर्मचारी समेत सभी 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इन लोगों के पास से 2.5 लाख रुपये और पेपर भी बरामद किए गए.
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