हिमाचल में तीन दिन चले सियासी उठापठक के बाद आखिरकार सुक्खू सरकार (Sukhu Government) से संकट टल गया है. आलाकमान की ओर से पर्यवेक्षक बनाकर भेजे गए कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा कि अब सबकुछ ठीक है. सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार पूरे पांच साल चलेगी और विक्रमादित्य सिंह ने भी अपना इस्तीफा वापस ले लिया है. उन्होंने कहा कि पार्टी ने 6 सदस्यों की समन्वय समिति (को-ऑर्डिनेशन) बनाने का फैसला किया है.
हिमाचल में राज्यसभा की एकमात्र सीट पर हुए मतदान में कांग्रेस के 6 विधायकों द्वारा क्रॉस वोटिंग किए जाने के बाद बीजेपी ने सीट पर जीत हासिल की थी और उसके बाद से राज्य में राजनीतिक संकट पैदा हो गया था. डीके शिव कुमार ने कहा कि सीएम सुक्खू ने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी की हार की जिम्मेदारी ली है.
कांग्रेस ने तैयार किया ये फॉर्मूला
उन्होंने कहा कि 6 सदस्यों की कॉर्डिनेशन कमिटी बनाई जाएगी, जो सरकार और पार्टी के बीच कॉर्डिनेशन काम करेगी. इसमें मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, PCC अध्यक्ष और तीन अन्य लोग शामिल होंगे. इनका काम आपस में सहमति बनाना होगा. पार्टी की लाइन से हटकर कोई बयानबाजी नहीं करेगा. यहां तक की बीजेपी के ऑपरेशन लोटस नहीं चलेगा.
ये भी पढ़ें- शेख शाहजहां पर TMC का बड़ा एक्शन, पार्टी से 6 साल के लिए किया सस्पेंड
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने गुरुवार को क्रॉस वोटिंग करने वाले छह विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया. विधायकों ने सदन में वित्त विधेयक पर सरकार के पक्ष में मतदान करने के पार्टी व्हिप का उल्लंघन किया था.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि हिमाचल को लेकर मीडिया में तरह-तरह की बातें चल रही हैं. लेकिन हम एक बात बिल्कुल स्पष्ट रूप से कहना चाहते हैं. हिमाचल में प्रधानमंत्री और तथाकथित चाणक्य पूरी तरह से फेल हुए हैं. कांग्रेस नेतृत्व के हस्तक्षेप और हमारे पर्यवेक्षकों की तत्परता के बाद वहां स्थिति पूरी तरह से कांग्रेस के नियंत्रण में है.
उन्होंने दावा किया कि दूसरे राज्यों की तरह भाजपा ने हिमाचल में भी जनता द्वारा चुनी हुई कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार को अस्थिर करने के लिए धनबल, सत्ताबल और बाहुबल का खेल शुरू किया था, लेकिन वह विफल रही क्योंकि हिमाचल की जनता का आशीर्वाद कांग्रेस के साथ है. रमेश ने कहा कि इस घटना के बाद हमारे संकल्प और मज़बूत हुए हैं. हम हिमाचल के लोगों की सेवा करते रहेंगे.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.