Hindenburg: अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग ने अडानी मनी साइफनिंग घोटाले में इस्तेमाल किए फंडों में SEBI की चीफ माधबी पुरी बुच और उनके पति की हिस्सेदारी होने का दावा किया है. वहीं इस रिपोर्ट के बाद SEBI चीफ पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. Hindenburg की रिपोर्ट में सीधे तौर पर पूरे प्रकरण में SEBI चीफ को निशाने पर लिया गया है. हालांकि, माधबी पुरी बुच ने इन दावों का खंडन करते हुए इसे गलत बताया है. वहीं इस रिपोर्ट के बाद ये सावल उठने लगे हैं कि क्या सरकार सेबी चीफ पर कोई एक्शन लेगी?.
क्या एक्शन ले सकती है सरकार
सेबी चीफ पर लगे इस गंभीर आरोप के बाद ज़ी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने सरकार के एक्शन को लेकर कहा कि 'जब इतने बड़े रेगुलेटर पर प्रश्न उठ रहे हैं तो इन्वेस्टिगेशन की मांग की जा सकती है. संभव है कि जांच हो भी. अब चाहे वित्त मंत्रालय कराए या पीएमओ की तरफ से हो. ये तो होना ही है इसमें कोई संदेह नहीं है'
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अडानी ग्रुप के शेयरों पर दिख सकता है असर
जानकारों के मुताबिक इस खुलासे का असर अडानी ग्रुप के शेयर पर दिख सकता है. पिछली बार भी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयर में भारी गिरावट देखने को मिली थी. निवेशक इस खुलासे के बाद से लगातार चिंतित चल रहे हैं. हालांकि अडानी ग्रुप और सेबी के चीफ की तरफ से स्टेटमेंट जारी की जा चुकी है. इसमें उन्होंने रिपोर्ट की बातों को नकारा है. साथ ही इसे पैसा कमाने का जतन बताया है.
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