अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट में अडानी ग्रुप और SEBI चीफ माधबी पुरी बुच के बीच लिंक होने का दावा करते हुए कईं आरोप लगाए हैं. कंपनी का कहना है कि जिन ऑफशोर संस्थाओं का इस्तेमाल अडानी मनी साइफनिंग स्कैंडल में हुआ, उसमें SEBI चीफ का भी हिस्सेदारी थी. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में सीधे-सीधे मार्केट रेगुलेटर SEBI को ही निशाने पर ले लिया. हिंडनबर्ग का दावा है कि SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच का अडानी घोटाले से कनेक्शन है. हालांकि, सेबी चीफ ने इ सभी आरोपों को गलत छहराया है. ऐसे में माना ये जा रहा है कि आडानी ग्रुप सेबी अध्यक्ष पद पर किसी और को बैठाने वाला है.
क्या सच में बदलेगा सेबी अध्यक्ष
हिंडनबर्ग के इस दावे के बाद अब अडानी ग्रुप सेबी चीफ के पद पर अपने किसी व्यक्ति को बैठाना की कोशिश कर रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इसमें एक नाम सामने भी आया है. ये नाम दिनेश खारा का है जो फिलहाल भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चेयरमैन के पद से रिटायर हुए हैं. माना जा रहा है कि अडानी ग्रुप SEBI में अपने किसी करीबी को बैठाना चाहता है, ताकि आगे होने वाली किसी भी कार्रवाही में उनका पक्ष मजबूत बना रहे.
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कौन हैं दिनेश खारा
बता दें कि, दिनेश खारा भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चेयरमैन रह चुके हैं. 2020 से लेकर 2023 तक दिनेश खारा ने इस बैंक का नेतृत्व किया है. उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में अपनी करियर की शुरुआत SBI से की थी. उन्होंने दिल्ली से अपना पोस्टग्रेजुएशन किया, इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से एमबीए किया. मिली जानकारी के मुताबिक अब वो SEBI के नए चेयरमैन के रूप में नजर आ सकते हैं.
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