Hindenburg Report पर मचा सियासी घमासान, विपक्षी पार्टियों ने केंद्र सरकार को घेरा, रखी ये बड़ी मांग

Written By आदित्य प्रकाश | Updated: Aug 11, 2024, 10:29 AM IST

Mahua Moitra (File Photo)

इस रिपोर्ट के जारी होते ही देश में सियासी घमासान छिड़ा हुआ है. विपक्षी पार्टियों की तरफ से लगातार केंद्र सरकार को घेरा जा रहा है. साथ ही विपक्ष ने सरकार से मांग की है कि इस मामले की फौरन जांच कराई जाए.

हिंडनबर्ग रिसर्च की तरफ से नई रिपोर्ट जारी की जा चुकी है. इस रिपोर्ट में सेबी की चेयरपर्सन माधबी बुच के ऊपर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. अडानी मामले से उनको जोड़ा गया है. इस रिपोर्ट के जारी होते ही देश में सियासी घमासान छिड़ा हुआ है. विपक्षी पार्टियों की तरफ से लगातार केंद्र सरकार को घेरा जा रहा है. साथ ही विपक्ष ने सरकार से मांग की है कि इस मामले की फौरन जांच कराई जाए.

कांग्रेस ने सेबी पर उठाए सवाल
हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट आने के बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सरकार को घेरते हुए सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट की है. साथ ही उन्होंने इस मामले को लेकर एक स्टेटमेंट भी जारी किया है. उन्होंने कहा कि 'अडानी मेगास्कैम की जांच को लेकर सेबी की तरफ से एक अलग ही अनिच्छा काफी वक्त से देखने को मिल रही थी.' उन्होंने एससी की एक समिति का जिक्र करते हुए सेबी पर सवाल उठाया कि समिति की रिपोर्ट में कहा गया कि सेबी ने 2018 में विदेशी फंडों को लेकर आखिरी लाभकारी स्वामित्व से जुड़ी रिपोर्टिंग को जरुरतों को कमजोर किया गया था, जिसे 2019 में पूर्ण रूप से हटा दिया गया.'

टीएमसी ने सरकार पर लगाए क्रोनी कैपिटलिज्म के आरोप
इस मामले को लेकर तृणमूल कांग्रेस की एमपी महुआ मोइत्रा ने भी केंद्र सरकार पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि 'असली अडानी ग्रुप में सेबी की चेयरपर्सन की एक निवेशक हैं. क्रोनी कैपिटलिज्म अपने उरूज पर है.' साथ ही उन्होंने सरकार से इस मामले को लेकर सीबीआई और ईडी की जांच कराने की मांग की है.

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