डीएनए हिंदी: मौसम विभाग ने राजधानी दिल्ली समेत पूरे एनसीआर (NCR) में बारिश की संभावना जताई है. इस बीच यमुना और हिंडन नदी का जलस्तर भी कम होता दिखाई दे रहा है. गाजियाबाद जिला प्रशासन का कहना है कि हिंडन नदी में पानी की गति पहले से थोड़ी कम हुई है हालांकि कई इलाकों में हिंडन नदी का उफान देखकर लोग डरे हुए हैं. आइए जानते हैं कि यूपी के नोएडा, गाजियाबाद के किन इलाकों में रहने वाले लोगों को सावधान रहना होगा.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के कई इलाकों में पानी भर गया है. जिसके वजह से निचले इलाकों को खाली करवाया जा रहा है. नोएडा के इकोटेक के साथ-साथ छिजारसी के निचले इलाकों में भी पानी है. हिंडन नदी में पानी बढ़ने से गाजियाबाद में खादर एरिया के बहलोलपुर के कॉलोनी में पानी भर गया है और वहीं, नोएडा के करीब 15 गांव की वजह से प्रभावित हुए हैं.
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नोएडा के इन इलाकों में बाढ़ की आशंका
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नोएडा प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों से घर खाली करने की अपील की है. उन सभी जगहों पर एनडीआरएफ की टीम ने जिम्मा संभाला हुआ है. कहा जा रहा है कि अगर आने वाले दिनों में जलस्तर बढ़ता है तो आशंका है कि नोएडा के
चोटपुर कॉलोनी, छिजारसी, बहलोलपुर, सौहरखा, पुराना हैबतपुर, हल्द्वानी, कुलेसरा में लोगों के घरों में पानी भर सकता है.
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गाजियाबाद के कई इलाकों में भरा पानी
हिंडन नदी का पानी गाजियाबाद के साहिबाबाद सहित कई इलाकों में भर गया है. गाजियाबाद प्रशासन द्वारा हाल में ही बताया गया कि हिंडन नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण करहेड़ा और नूरनगर के कुछ क्षेत्रों में जल जमाव की स्थिति बन गई है. ऐसे में लोगों को उनके मकानों से सुरक्षित निकालकर बाढ़ राहत कैंप तक पहुंचाया गया. इसके साथ कहा गया कि किसी भी तरह की आपदा की स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीम भी उपलब्ध है.
हिंडन नदी में आई बाढ़ से पर्यावरण सेतु को खतरा
हिंडन नदी यमुना नदी की सहायक नदी है. हिंडन नदी में आई बाढ़ की वजह से नोएडा और गाजियाबाद के कई इलाके खतरे में है. वहीं, बाढ़ से पर्यावरण शुद्ध को भी खतरा बताया गया है. लोहे से निर्मित पर्यावरण सेतू सिटी फॉरेस्ट में जाने के लिए बनाया गया है. पुल के पास ज्यादा जलकुंभी हो जाने की वजह से पुल पर दबाव बढ़ गया है. जिस पर जीडीए ने आशंका जताते हुए कहा है कि यह पूल क्षतिग्रस्त हो जाने के साथ बह सकता है. जीडीए ने सिंचाई विभाग को पत्र लिखकर कहा है कि तत्काल जलकुंभी हटाकर पर्यावरण सेतु को सुरक्षित किया जाए.
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