Sukhoi Fighter Jets: रूसी सुखोई में फिट होंगे स्वदेशी 'एयरो-इंजन', जानें ये दुश्मनों के लिए होंगे कितने खतरनाक साबित

आदित्य प्रकाश | Updated:Sep 03, 2024, 12:16 PM IST

Sukhoi Fighter Jet

सुखोई भारतीय वायुसेना के फाइटर प्लेन का सबसे बड़ा बेड़ा है. सुखोई विमान की बात करें तो इसके अंदर AL-31FP इंजन का उपयोग किया जाता है. नए इंजनों के लगने से इन विमानों को नई ताकत मिलने वाली है.

भारत लगातार अपने सुरक्षा क्षेत्र को मजबूत करने में लगा हुआ है. इसको लेकर पिछले कई सालों से बड़े हथियार खरीदे जा रहे हैं, साथ ही कई नए स्वदेशी रक्षा सामग्री बनाए जा रहे हैं. इसी क्रम में कैबिनेट समिति की तरफ से सोमवार यानी 2 सितंबर को एक बड़ी मंजूरी दी गई है. इसके तहत भारतीय वायुसेना के सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों में 240 एयरो-इंजन फिट किया जाएगा. इसको लेकर इंजन खरीदने की मंजूरी दे दी गई है. भारतीय वायुसेना के पास 272 सुखोई फाइटर जेट मौजूद हैं. 

लगाया जाएगा स्वदेशी इंजन
आपको बताते चलें कि सुखोई मूल रूप से रूसी फाइटर जेट है. इसमें लगने वाला इंजन में स्वदेशी सामग्री भारत सरकार की कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की तरफ से लगाई जाएगी. सुखोई भारतीय वायुसेना के फाइटर प्लेन का सबसे बड़ा बेड़ा है. सुखोई विमान की बात करें तो इसके अंदर AL-31FP इंजन का उपयोग किया जाता है. नए इंजनों के लगने से इन विमानों को नई ताकत मिलने वाली है. इनकी मारक क्षमताओं में भी भारी इजाफा हो जाएगा. इन इंजनों में 54 प्रतिशत से ज्यादा स्वदेशी चीजें को फिट किया गया है.

दुश्मनों के लिए होगा कितना खतरनाक साबित
इन फाइटर जेट के भीतर एयरो-इंजन का प्रयोग किया जाता है. इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि इसमें बेहद कम मात्रा में कार्बन बाहर आता है. साथ ही इससे फाइटर जेट के भीतर वाइब्रेशन में भी कमी आती है. एयरो-इंजन के इस्तेमाल से फाइटर जेट की उड़ने की क्षमता काफी बढ़ जाती है, इससे बड़ी ऊंचाई पर उड़ाना आसान हो जाता है. साथ ही विमान की फ्लाइंग रेंज में भी बढ़ोतरी होती है. खासकर लंबी उड़ानों के लिए ये फाइटर जेट को नई ताकत मिलती है. 

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