डीएनए हिंदी: देश के गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार दिल्ली में आयोजित काउंटर टेररिज्म फाइनेंसिंग पर तीसरे 'नो मनी फॉर टेरर' सम्मेलन में हिस्सा लिया.यहां उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खतरे को किसी समूह, धर्म या राष्ट्रीयता से नहीं जोड़ा जा सकता है. इसे जोड़ा जाना भी नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि आतंकवाद, निस्संदेह, वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा है, लेकिन आतंक का फंडिंग उससे भी कहीं ज्यादा खतरनाक है. आतंकवादी लगातार हिंसा करने, युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और वित्तीय संसाधन जुटाने के नए तरीके खोज रहे हैं। इसके लिए सबसे ज्यादा डार्कनेट का इस्तेमाल किया जा रहा है.
गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवाद का 'डायनामाइट से मेटावर्स' और 'एके-47 से वर्चुअल एसेट्स' में बदलना देशों के लिए चिंता का विषय है. इसके खिलाफ एक साझा रणनीति तैयार करने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा. शाह ने गृह मंत्रालय द्वारा आयोजित सम्मेलन में प्रतिनिधियों से कहा कि "मेरा मानना है कि आतंकवाद के लिए फंडिंग खुद आतंकवाद से ज्यादा खतरनाक है. गृह मंत्री ने कहा कि फंडिंग को आतंकवादी अपने साधन जुटाने से लेकर संगठन को मजबूत करने में इस्तेमाल करते हैं. यह आतंकवादी संगठनों को मजबूत करने के साथ ही देशों की अर्थव्यवस्था को कमजोर कर रहा है.
भारत में आतंकवादी घटनाओं में आई कमी
गृह मंत्री ने कहा, "हम मानते हैं कि आतंकवाद के खतरे को किसी भी धर्म, राष्ट्रीयता या समूह से नहीं जोड़ा जा सकता है और न ही इसे जोड़ा जाना चाहिए." उन्होंने कहा, "यह हमारे निरंतर प्रयासों का परिणाम है कि भारत में आतंकवादी घटनाओं में भारी कमी आई है. साथ ही आतंकवाद से होने वाले आर्थिक नुकसान में भी कमी आई है.
पाकिस्तान और चीन पर बोला हमला
अमित शाह ने इस सम्मेलन में पाकिस्तान और चीन पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन दोनों ऐसे देश हैं जो आतंकवाद से लड़ने के हमारे सामूहिक संकल्प में बांधा डालना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि "हमने देखा है कि कुछ देश आतंकवादियों को संरक्षण और आश्रय देते हैं. एक आतंकवादी की रक्षा करना आतंकवाद को बढ़ावा देना है. यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी होगी कि ऐसे तत्व अपने मंसूबों में कभी कामयाब न हों."
शाह ने कहा कि किसी को भी आंतकवादियों के पनाहगाहों या उनके संसाधनों की अनदेखी नहीं करनी चाहिए. हमें ऐसे तत्वों के दोगलेपन का भी पर्दाफाश करना है, जो उन्हें समर्थन दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि आतंकवादी और इनके ग्रुप अब आधुनिक हथियारों, सूचना प्रौद्योगिकी और सायबर और फाइनेंस के प्रभाव को बहुत अच्छे समझते हैं. अफगानिस्तान में शासन परिवर्तन का उल्लेख करते हुए, गृह मंत्री ने कहा कि अगस्त 2021 के बाद, दक्षिण एशियाई क्षेत्र में स्थिति बदल गई है और अल-कायदा और आईएसआईएस का बढ़ता प्रभाव क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती के रूप में उभरा है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.