डीएनए हिंदी: देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल यानी कांग्रेस (Congress) के पास पिछले तीन वर्षों से कोई स्थायी अध्यक्ष नहीं है. पार्टी में दो दशकों बाद आतंरिक चुनाव (Congress President Election) हो रहे हैं और दो दिग्गज नेता इस चुनाव में मैदान में दिख सकते हैं. एक तरफ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) होंगे तो वहीं दूसरी ओर तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ताल ठोकेंगे. वहीं खास बात यह है कि इस चुनाव को गांधी परिवार बनाम G-23 माना जा रहा है तो आखिर ऐसा क्यों हैं चलिए इसे समझते हैं.
दरअसल, अशोक गहलोत को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा है लेकिन वे अभी यह दिखा रहे हैं कि उनका अध्यक्ष बनने का कोई प्लान नहीं है. वहीं बुधवार को उन्होंने कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्षा सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मुलाकात की थी. अशोक गहलोत ने कहा था कि वे पहले कोच्चि जाकर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को अध्यक्ष बनने के लिए कहेंगे लेकिन यदि वे नहीं माने तो वे चुनाव के लिए पर्चा दाखिल करेंगे.
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राहुल ने चुनावों से बनाई दूरी
राहुल गांधी पहले ही यह कह चुके हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष पद गांधी परिवार के बाहर के किसी सदस्य के पास होना चाहिए. इसके चलते यह माना जा रहा है वे यह पद अब नहीं लेंगे और सबसे बड़े दावेदार अशोक गहलोत ही बन जाएंगे. हालांकि अशोक गहलोत भी यह चाहते हैं कि राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बावजूद वे राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहें. इन सबके बीच एक खास बात यह है कि राहुल गांधी 24 सितंबर को भारत जोड़ो यात्रा को छोड़ एक दिन के लिए दिल्ली का दौरा भी करेंगे. इस दौरे को भी कांग्रेस के आंतरिक चुनावों के लिए अहम पॉइंट माना जा रहा है.
शशि थरूर भी लड़ेंगे चुनाव!
एक तरफ जहां राहुल के न लड़ने पर अशोक गहलोत चुनाव लड़ने के संकेत दे चुके हैं तो दूसरी ओर लोकसभा सांसद शशि थरूर भी चुनाव लड़ने को तैयार दिख रहे हैं. उन्होंने भी सोनिया गांधी से मिलकर चुनाव लड़ने की बातचीत की थी. शशि थरूर को भी चुनाव में अहम उम्मीदवार माना जा रहा है क्योंकि वे राजनीतिक और कूटनीतिक तौर पर एक कुशल नेता माने जाते हैं.
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गांधी परिवार VS G-23
अशोक गहलोत को गांधी परिवार का सबसे करीबी माना जाता है. यही कारण है कि गहलोत लगभग देश के सभी राज्यों में कांग्रेस के लिए काम करने का अनुभव प्राप्त कर चुके हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने प्रत्येक मुश्किल समय में गांधी परिवार का साथ दिया है. इसके चलते उन्हें गांधी परिवार का सबसे वफादार भी कहा जाता है.
दूसरी ओर शशि थरूर भी पहले गांधी परिवार के वफादार ही थे लेकिन पिछले दो वर्षों में पार्टी की लगातार होती हार के बाद पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में कांग्रेस बुजुर्ग नेताओं ने बड़ी बगावत की थी. इन नेताओं के समूह को G-23 यानी ग्रुप ऑफ 23 कहा जाता था. ऐसे में शशि थरूर का चुनाव लड़ना यह माना जा रहा है कि उन्हें G-23 के नेताओं को समर्थन मिल सकता है.
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दिलचस्प होगा चुनाव
गांधी परिवार के वफादार और G-23 की अहम कड़ी वाले नेता के बीच होने वाले इस संभावित चुनाव में शशि थरूर का पलड़ा कमजोर दिख रहा है. इसकी वजह यह है कि अशोक गहलोत को गांधी परिवार आंख बंद करके समर्थन दे रहा है लेकिन यह माना जा रहा है कि दो दिग्गजों के आमने-सामने होने से यह चुनाव काफी दिलचस्प हो सकता है.
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