राज्यसभा की कुल 15 सीटों के लिए आज वोट डाले जाने हैं. संसद का उच्च सदन कही जाने वाली राज्यसभा के सदस्यों का कार्यकाल 6 साल का होता है और हर दो साल में इनका चुनाव होता रहता है. स्थायी सदन होने की वजह से राज्यसभा को कभी भंग नहीं किया जा सकता है. विधायकों के वोट से चुने जाने वाले राज्यसभा सांसदों को कई तरह की सरकारी सुविधाएं, वेतन, घर और गाड़ी दी जाती है. आइए विस्तार से समझते हैं कि राज्यसभा के सांसद किन सुविधाओं के हकदार होते हैं.
लोकसभा के सांसदों का कार्यकाल 5 साल होता है जबकि राज्यसभा के सांसदों का कार्यकाल 6 साल का होता है. लोकसभा के सांसदों को जनता चुनती है जबकि राज्यसभा के लिए विधायक वोट डालते हैं. लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों को राजधानी दिल्ली में सरकारी आवास की सुविधा दी जाती है. इसके लिए सरकार पूरे इंतजाम करती है और जीत के आने के बाद उन्हें घर आवंटित कर दिए जाते हैं.
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क्या-क्या मिलते हैं फायदे?
राज्यसभा के सांसदों को वेतन और भत्ते मिलाकर कुल 2 लाख 10 हजार रुपये महीने मिलते हैं. इनमें कई तरह के भत्तों के अलावा 20 हजार रुपये ऑफिस खर्च भी शामिल होता है. मूल वेतन के रूप में सिर्फ 16 हजार रुपये ही मिलते हैं. इसके अलावा, जितने दिन सदन की कार्यवाही चलती है उसके हिसाब से हर दिन 1000 रुपये का भत्ता अतिरिक्त मिलता है.
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राज्यसभा सांसदों को 34 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से यात्रा भत्ता भी मिलता है. इसके अलावा, टेलीफोन खर्च, रेलवे टिकट और हवाई यात्रा में भी राज्यसभा सांसदों को छूट मिलती है. राज्यसभा सांसदों को हर महीने फर्स्ट एसी और सेकेंड एसी के एक-एक पास मिलते हैं. फ्लाइट के टिकट के लिए उन्हें सिर्फ 25 पर्सेंट पैसे ही दे सकते हैं.
इन सुविधाओं के साथ-साथ सरकारी गाड़ी, सरकारी आवास, मुफ्त पानी, मुफ्त बिजली, फर्नीचर, पर्दे और मेडिकल संबंधी सुविधाएं भी दी जाती हैं.
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