Narayana Murthy ने लिया था नंदन नीलेकणि का टेस्ट, 50 में से 50 नंबर लाकर हासिल की नौकरी, पढ़िए पूरा किस्सा

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Dec 17, 2022, 09:13 PM IST

Infosys Founder Narayana Murthy

Narayana Murthy Nandan Nilekani Job Interview: नारायणमूर्ति ने बताया है कि आज से 43 साल पहले उन्होंने नंदन नीलेकणि को नौकरी कैसे दी थी.

डीएनए हिंदी: Infosys देश की प्रतिष्ठित आईटी कंपनी है. एन आर नारायणमूर्ति (Narayana Murthy) इस कंपनी के फाउंडर हैं. नंदन नीलेकणि (Nandan Nilekani) इन्फोसिस के को-फाउंडर रहे हैं. अब नारायणमूर्ति ने बताया है कि उन्होंने नंदन नीलेकणि को नौकरी कैसे दी थी. नारायणमूर्ति के मुताबिक उन्होंने बहुत कठिन टेस्ट लिया था जिसे पास करके ही नंदन यह नौकरी ले पाए. हैरान करने वाली बात यह थी 50 नंबर के इस टेस्ट में नंदन नीलेकणि ने पूरे के पूरे 50 नंबर हासिल किए थे. इसके बावजूद नारायणमूर्ति पूरी तरह से संतुष्ट नहीं थे. यह घटना साल 1979 की है.

इन्फोसिस की 40वीं वर्षगांठ के मौके पर नारायणमूर्ति ने कहा, 'जब मैं PCS में सॉफ्टवेयर हेड था तो मैंने एक टेस्ट लर्नेबिलिटी टेस्ट शुरू किया था. इससे पता चलता था कि कोई व्यक्ति किसी समस्या को कितनी जल्दी समझकर उसका हल ढूंढ पाता है. सीधे शब्दों में कहें तो यह एक तरह का इंटेलिजेंस टेस्ट था.' ऐसा ही एक टेस्ट उन्होंने नंदन नीलेकणि का भी लिया था.

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कुछ महीनों की नौकरी मांगने आए थे नंदन नीलेकणि
नारायणमूर्ति ने बताया, '18 फरवरी 1979 को नंदन नीलेकणि मेरे ऑफिस में नौकरी मांगने के लिए आए. मैंने कहा कि फरवरी चल रहा है अभी क्यों नौकरी मांगने आए हो. इस पर नंदन नीलेकणि ने मुझसे कहा कि वह अमेरिका के बिजनेस स्कूल में पढ़ने के लिए जाना चाहते हैं और GMAT की तैयार कर रहे हैं. वह सितंबर तक फ्री थे तो उन्हें कुछ महीनों के लिए नौकरी चाहिए थी. मुझे लगा कि इंटेलिजेंट आदमी भले ही कुछ दिन आपके साथ रहे लेकिन इसमें तो फायदा ही है.'

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उन्होंने आगे बताया, 'नौकरी देने से पहले मैंने नंदन नीलेकणि को वही लर्नेबिलिटी टेस्ट दिया. वह इकलौते शख्स थे जिन्होंने उस टेस्ट में 50 में से 50 नंबर हासिल किए. मैं इतने से खुश नहीं था. मैं एक IQ टेस्ट भी बनाया था जिसका नाम मैट्रिक्स रोटेशन था. जो बहुत मेधावी लोग होते थे वे इसे एक से डेढ़ मिनट में हल कर पाते थे. उससे कम मेधावी लोगों को इसमें 5 से 6 मिनट लग जाते थे. नंदन नीलेकणि ने डेढ़ मिनट में इसे भी हल क लिया. इन दोनों टेस्ट को पास करने के बाद ही उन्होंने नौकरी दी गई थी.'

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