ओरेवा ग्रुप को मोरबी पुल की मरम्मत का ठेका कैसे मिला? दीवार घड़ी बनाने में हासिल है महारत

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 31, 2022, 02:46 PM IST

मोरबी में 130 से ज्यादा लोगों की मौत

Morbi Bridge Collapse: गुजरात के मोरबी शहर में मच्छू नदी पर केबल पुल हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर सोमवार को 134 हो गई है.

डीएनए हिंदी: गुजरात के मोरबी शहर में केबल पुल टूटने के बाद जांच के घेरे में आए ओरेवा ग्रुप को सीएफएल बल्ब, दीवार घड़ी और ई-बाइक बनाने में विशेषज्ञता हासिल है लेकिन अभी यह पता नहीं चला है कि उसे 100 साल से भी अधिक पुराने पुल की मरम्मत का ठेका कैसे मिल गया? 

गुजरात के मोरबी शहर में मच्छू नदी पर केबल पुल हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर सोमवार को 134 हो गई है. करीब पांच दशक पहले ओधावजी राघवजी पटेल द्वारा स्थापित कंपनी मशहूर अजंता तथा ओरपैट ब्रांड के तहत दीवार घड़ी बनाती है.

पढ़ें- Morbi Bridge Collapse: पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे, 10 साल में 3 लाख डूबकर गंवा चुके हैं जान

ओधावजी राघवजी पटेल पटेल का 88 वर्ष की आयु में इस महीने की शुरुआत में निधन हो गया था. वह 1971 में 45 साल की उम्र में कारोबार में हाथ आजमाने से पहले एक स्कूल में विज्ञान के शिक्षक थे. करीब 800 करोड़ रुपये की आय वाला अजंता ग्रुप अब घरेलू और बिजली के उपकरण, बिजली के लैम्प, कैलकुलेटर, चीनी मिट्टी के उत्पाद और ई-बाइक बनाता है.

पढ़ें- मोरबी के राजा ने 143 साल पहले कराया था केबल ब्रिज का निर्माण, यूं ही नहीं था खास 

मच्छू नदी पर बना केबल पुल सात महीने पहले मरम्मत के लिए बंद कर दिया गया था तथा इसे 26 अक्टूबर को गुजराती नव वर्ष के मौके पर फिर से खोला गया था. यह ‘झूलता पुल’ के नाम से मशहूर था. इस साल मार्च में ओरेवा ग्रुप को मोरबी नगर निकाय ने पुल की मरम्मत और देखरेख का ठेका दिया था.

पढ़ें- Morbi पुल हादसे पर भावुक हुए प्रधानमंत्री, बोले- केवडिया में हूं लेकिन जेहन में पीड़ितों का ख्याल

ऐसा आरोप है कि पुल को बिना फिटनेस प्रमाणपत्र के खोल दिया गया. कंपनी के प्रबंधन से इस पर टिप्पणी नहीं मिल सकी है लेकिन समूह के प्रवक्ता ने दुर्घटना के तुरंत बाद कहा था कि पुल इसलिए टूटा क्योकि "पुल के मध्य में कई सारे लोग इसे एक तरफ से दूसरी तरफ झुलाने की कोशिश कर रहे थे."

पढ़ें- Morbi Bridge Accident के चश्मदीद का दावा- युवकों ने जानबूझकर हिलाया पुल और हो गया हादसा

अजंता ट्रांजिस्टर क्लॉक मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी के तहत दीवार घड़ी बनाने से शुरुआत करने वाले मोरबी स्थित ओरेवा ग्रुप ने कई क्षेत्रों में अपना कारोबार फैलाया. ओरेवा ग्रुप ने अपनी वेबसाइट पर दावा किया है कि उसके यहां 6,000 से अधिक लोग काम करते हैं लेकिन उसने अपने निर्माण कारोबार का कोई उल्लेख नहीं किया है.

पढ़ें- Morbi Bridge Collapse: मोरबी से पहले इन जगहों पर पुल टूटने की वजह से हुए हैं भयंकर हादसे

उद्योग जगत में कम लागत के लिए पहचाने जाने वाला ओरेवा ग्रुप देशभर में 55,000 साझेदारों के जरिए अपने उत्पादों को बेचता है. गुजरात के कच्छ में समाखियाली में उसका भारत का सबसे बड़ा विनिर्माण संयंत्र है जो 200 एकड़ से भी अधिक में फैला हुआ है.

(भाषा)

Morbi Bridge Collapse Morbi Bridge Accident