डीएनए हिंदी: पश्चिमी देशों में खाना खाने के लिए कांटे, छुरी और चम्मच का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं, भारत में ज्यादातर लोग हाथों से ही खाना खाते हैं. इसके अलावा, कुछ देश ऐसे भी हैं जहां स्टिक और चम्मच से भी खाना खाते हैं. खाना खाने का यह तरीका भोजन में बनी सामग्री, वहां की जलवायु या अन्य चीजों पर निर्भर करता है. हालांकि, समय के साथ-साथ इन चीजों का विस्तार और मिश्रण भी काफी हद तक हो चुका है. उदाहरण के लिए हाथों से खाना खाने वाले भारत में भी अब कांटे, छुरी और चम्मच के साथ-साथ स्टिक और चम्मच से भी खाना खाया जाने लगा है.
सबसे पहले बात करते हैं चाकू की. शुरुआत में चाकू से खाने की बात तब से होती है जब से लोग खाने के लिए शिकार किया जाता था. मांस के बड़े टुकड़ों को खाते समय काटने के लिए धारदार चाकुओं का इस्तेमाल किया जाता था. हालांकि, धारदार और नुकीले चाकुओं की वजह से चोट लग जाती थी. यही वजह थी कि 1669 में लइस 16वां ने धारदार चाकुओं के खाने को गैरकानूनी घोषित कर दिया. फिर इनकी जगह कम धार वाले चौड़े चाकुओं ने ले ली.
चीन से पश्चिमी देशों तक पहुंच गया कांटा
कांटों का इस्तेमाल चाकू से लगने वाली चोट से बचने के लिए ही शुरू किया गया. हालांकि, इससे काटने के अलावा चीजों को फंसाकर खाने या काटने में मदद के लिए भी होता है. शुरुआत में इनमें सिर्फ 2 ही कांटे होते थे और इनका इस्तेमाल खाना बनाने या परोसने में किया जाता था. हजारों साल पहले सिल्क रूट के जरिए ये कांटे चीन से होते हुए पश्चिमी देशों तक पहुंचे. कैथरीन डी मेडिसी की वजह से ये कांटे खूजब चर्चा में आए और पश्चिमी देशों में खाने की टेबल का अहम हिस्सा हो गए.
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औद्योगिकीकरण से पहले तक चाकू और कांटे जैसी चीजें सिर्फ अमीर वर्ग का हिस्सा थे. धीरे-धीरे पश्चिमी देशों के गरीब लोग भी इनका इस्तेमाल करने लगे. इसके अलावा, मीट या ऐसी अन्य चीजें खाने में चाकू और कांटे ही सुविधाजनक थे इसलिए भी इनका इस्तेमाल बढ़ता गया है.
कैसे आए चम्मच?
चम्मचों की बात की जाए तो ये सबसे पुराने बर्तनों में से एक हैं. जहां चाकू और कांटे एक तरह से फैशन थे वहीं चम्मच बेसिक जरूरत थे. शुरुआती दिनों में ही इन्हें पत्थरों से बना लिया गया था. हालांकि, तब आज की तरह के हैंडल वाले चम्मच नहीं थे. 1000 BC के आसपास प्राचीन मिस्र में हैंडल वाले चम्मचों का इस्तेमाल शुरू हुआ. पहले पत्थर और फिर लकड़ी के चम्मच बनाए जाते थे. धातुओं के चम्मच काफी बाद में प्रचलित हुए.
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आज कांटे, छुरी और चम्मच न सिर्फ हर किसी की जरूरत बन गए हैं बल्कि इन्हें लाइफस्टाइल का अहम हिस्सा बना लिया गया है. खाने की कुछ चीजों के लिए इन बर्तनों का इस्तेमाल अनिवार्य रूप से जरूरी सा हो गया है.
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