'मैं भारत-पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा के लिए नहीं जा रहा हूं', विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताई इस्लामाबाद जाने की ये वजह

मीना प्रजापति | Updated:Oct 05, 2024, 05:43 PM IST

विदेश मंत्री एस जयशंकर 15 से 16 अक्टूबर को पाकिस्तान दौरे पर रंहेंगे. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं भारत-पाकिस्तान संबंधों के लिए नहीं जा रहा हूं.

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर 15 से 16 अक्टूबर को पाकिस्तान के दौरे पर रहंगे. इस दौरान वे इस्लामाबाद में SCO के हेड्स ऑफ गवर्नमेंट की बैठक में हिस्सा लेंगे. आपको बता दें कि किसी भी भारतीय विदेश मंत्री का यह बीते नौ सालों में पहला पाकिस्तान दोरा होगा. एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने कहा कि यह (SCO बैठक) एक बहुपक्षीय कार्यक्रम है और मैं भारत-पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा के लिए नहीं जा रहा हूं. मैं सिर्फ बतौर शंघाई सहयोग संगठन के अच्छे सदस्य के तौर पर जा रहा हूं. 

आपको बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पाकिस्तान ने 29 अगस्त को SCO मीटिंग के लिए न्योता दिया था. अब इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल होंगे. विदेश मंत्री इस मामले में आगे कहा कि वे पाकिस्तान में संबंधों पर चर्चा करने नहीं जा रहे हैं. वे सिर्फ शंघाई सहयोग संगठन के अच्छे सदस्य के तौर पर जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आप भी जानते हैं कि एक सभ्य और विनम्र स्वभाव का व्यक्ति हूं. मैं उसी अनुसार व्यवहार करूंगा. 

सरदार पटेल की नीति की सराहना
IC सेंटर फॉर गवर्नेंस द्वारा प्रशासन पर आयोजित सरदार पटेल व्याख्यान में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पूर्व गृह मंत्री सरदार पटेल की पाकिस्तान नीति की सराहना की. प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि सरदार पटेल संयुक्त राष्ट्र में जाने के  खिलाफ थे. वे इस बात के खिलाफ थे कि भारत को अपने मुद्दों को अन्य शक्तियों के भरोसे नहीं छोड़ना चाहिए. पर हम सभी के लिए दुख की बात है कि उनकी सावधानी को हम नजरअंदाज कर रहे हैं. उन्होंने कहा किसी भी अन्य पड़ोसी की तरह, भारत पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध रखना चाहता है, लेकिन सीमा पार आतंकवाद को नजरअंदाज करके नहीं. सरदार पटेल का भी यही मानना था कि यथार्थवाद हमारी नीति का आधार होना चाहिए.

एससीओ क्या है, कौन देश शामिल हैं?
एससीओ यानी शंघाई सहयोग संगठन एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतरराष्ट्रीय संगठन है. एससीओ की शुरुआत 15 जून, 2001 को कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान द्वारा शंघाई में की गई थी. इसका पूर्ववर्ती शंघाई फाइव का तंत्र था. वर्तमान में, एससीओ देशों में नौ सदस्य देश शामिल हैं, इन 9 देशों में भारत, ईरान, कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान शामिल है. एससीओ में तीन पर्यवेक्षक देश हैं: अफ़गानिस्तान, मंगोलिया और बेलारूस.


यह भी पढ़ें - विदेश मंत्री S. Jaishankar SCO की बैठक में शामिल होने के लिए जाएंगे पाकिस्तान, जानें पूरा शेड्यूल


SCO समिट में शामिल होना भारत के लिए क्यों अहम?
शंघाई सहयोग संगठन में शामिल होने से भारत अपने राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर मजबूत प्राप्त कर सकता है. इस बैठक में शामिल होने से भारत क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा दे सकता है. यही नहीं वैश्विक राजनीति में भू-राजनीतिक संतुलन बनाने की तरफ आगे बढ़ सकता है. आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ लड़ाई में हिस्सा ले सकता है. एससीओ का उद्देश्य व्यापार, निवेश, ऊर्जा, परिवहन और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग और आपसी समर्थन को बढ़ावा देना है.

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.


 

 

india pakistan news eam s jaishankar