डीएनए हिंदी: LAC पर पिछले दो सालों से तनाव का माहौल है. हालात थोड़े बेहतर हुए हैं लेकिन अभी पूरी तरह सुधरे नहीं हैं. अब भारतीय सेनाएं चीन पर हर समय नजर रख रही हैं. ड्रैगन की हर गलत हरकत का जवाब देने के लिए भारतीय थल सेना के साथ वायुसेना भी पूरी तरह से तैयार है. लद्दाख से अरुणाचल तक LAC पर और LAC के पार नजर रखने वायुसेना के पायलट्स अहम भूमिका निभा रहे हैं. इन पायलट्स में भारत की बेटियां भी शामिल हैं. अरुणाचल प्रदेश-असम के पूर्वी सेक्टर में महिला पायलट फाइटर जेट और चॉपर उड़ा रही हैं.
पूर्वी कमान में भारतीय वायु सेना के अधिकारियों ने बताया कि महिला पायलट और ग्राउंड क्रू ऑफिसर्स देशभर में तैनात हैं. उन्हें दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर सेक्टर से लेकर अरुणाचल प्रदेश के विजयनगर तक देखा जा सकता है जो कि पूर्वी लैंडिंग ग्राउंड है. महिला पायलट ट्रूप के अलावा स्थानीय लोगों की मदद के लिए आगे आती हैं.
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Su-30 MKI फाइटर जेट फ्लीट के भारत के पहले वेपन सिस्टम ऑपरेटर फ्लाइट लेफ्टिनेंट तेजस्वी ने महिलाओं की उड़ान के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा, 'हमारे पास शानदार महिलाएं हैं जिन्होंने पुराने बंधन तोड़ दिए हैं. ये देश की सेवा करने का सपना देखती हैं. अपने इसी सपने के साथ ही ये आगे बढ़ रही हैं.'
उन्होंने कहा, 'लड़ाकू विमानों के बेड़े में महिलाओं का होना अब कोई नई बात नहीं है. पुरुषों और महिलाओं समेत हर कोई कड़ी मेहनत करता है और उन्हें ट्रेन किया जाता है. हम एक ही पायदान पर हैं. आसमान से लेकर जमीन तक, हम सभी पहले और सबसे अहम वायु योद्धा हैं. दूसरी चीजें इसके बाद आती हैं.'
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