डीएनए हिंदी: नौकरी के बदले यौन उत्पीड़न के आरोपों में गिरफ्तार हुए IAS अधिकारी जितेंद्र नारायण के खिलाफ चार्जशीट तैयार हो गई है. मामले की जांच कर रही SIT ने जितेंद्र नारायण के खिलाफ सबूत जुटा लिए हैं. एसआईटी के मुताबिक, दोष सिद्ध करने के लिए सबूत पर्याप्त हैं. इस केस में जितेंद्र नारायण समेत तीन अन्य लोगों के खिलाफ रेप और आपराधिक साजिश समेत कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज किए गए हैं.
अंडमान निकोबार के मुख्य सचिव रहे जितेंद्र नारायण पर 21 साल की एक लड़की ने आरोप लगाए थे कि नौकरी देने के नाम पर उसका रेप किया गया. इसी केस में अडंमान-निकोबार के लेबर कमिश्नर भी आरोपी बने. जितेंद्र नारायण पर यह भी आरोप है कि उन्होंने अपने ट्रांसफर के दौरान सीसीटीवी फुटेज का डीवीआर नष्ट करवा दिया.
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कई महिलाओं के यौन उत्पीड़न का आरोप
एसआईटी ने 900 से ज्यादा पन्नों की चार्जशीट में लिखा है कि जितेंद्र नारायण के अलावा अन्य आरोपी ऋषि और होटल मालिक संदीप सिंह ने घटनाओं के सही क्रम की पुष्टि की है. ऋषि ने खुलासा किया है जितेंद्र नारायण ने कहा था कि वह महिलाओं को ले आए. इस तरह एक साल में 20 से ज्यादा महिलाओं को जितेंद्र नारायण के घर लाया गया. SIT के मुताबिक, इनमें से कई लड़कियों और महिलाओं को यौन उत्पीड़न के बाद नौकरी भी दी गई.
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जितेंद्र नारायण और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद कई गुमनाम पत्र भी SIT को मिले हैं जिनमें रेप के आरोप लगाए गए हैं. एसआईटी ने सबूत जुटाने के लिए कई फोन कॉल रिकॉर्ड किए हैं, टावर लोकेशन ट्रैक किए, रूट मैप और कई डिजिटल ट्रेल्स खंगाले हैं. इन लोगों पर आरोप है कि इन्होंने नौकरी देने के नाम पर महिलाओं को फंसाया, उनका यौन उत्पीड़न किया, गलत तरीके से नौकरियां दीं और सबूतों को भी नष्ट किया.
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