डीएनए हिंदी: कोरोना वायरस के खत्म हो जाने के बाद देश में हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि इन मामलों में बढ़ोतरी का कोविड वैक्सीन से कनेक्शन है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) इन आरोपों की जांच के लिए पिछले कुछ समय से स्टडी कर रहा था. आईसीएमआर ने अस्पताल में भर्ती हुए 14,000 से अधिक लोगों को जांच की. इनमें 600 मरीज ऐसे थे जिन्होंने घर लौटने के बाद दम तोड़ दिया था. ICMR ने इसकी रिपोर्ट तैयार कर ली है. अगले दो सप्ताह में इसकी प्राथमिक रिपोर्ट जारी कर दी जाएगी.
आईसीएमआर के डारेक्टर जनरल राजीव बहल के हवाले से इसकी जानकारी दी गई है. स्टडी में कुछ शुरुआती नतीजों का पता लगाया गया है. ICMR ने अपने अध्ययन में कोविड-19 वैक्सीन के बाद देश में युवाओं में बढ़ते हार्ट अटैक के मामलों की असली वजह समझने की कोशिश की है. स्टडी की शुरुआती रिपोर्ट कुछ समय से पेंडिंग है. रिपोर्ट जारी करने से पहले आईसीएमआर अब तक सामने आए निष्कर्षों की पूरी तरह समीक्षा कर लेना चाहता है. स्टडी की रिपोर्ट तभी जारी कि जाएगी जब वो पूरी तरह से संतुष्ट हो जाएं. हालांकि, आईसीएमआर के सामने कुछ सवाल हैं जिनके बारे में जानने की कोशिश कर रहे हैं.
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किन सवालों का जवाब खोज कर रहा ICMR
- आईसीएमआर यह जानने की कोशिश कर रहा है कि हार्ट अटैक मरने वालों की मौत नेचुरल कारणों से हुई या फिर वैक्सीन की वजह से?
- क्या जान गंवाने वाला मरीज कोरोना के गंभीर स्टेज पर था या लंबे समय से उससे पीड़ित तो नहीं था?
- क्या कोरोना रोकने के लिए बनाई गई वैक्सीन हार्ट अटैक के लिए जिम्मेदारा है?
स्टडी का किया जा रहा रिव्यू, जल्द जारी होगी रिपोर्ट
आईसीएमआर के मुखिया ने कहा कि ऐसे लोगों का दिल्ली एम्स में पोस्टमार्टम कराया गया है, जिनकी मौत दिल के दौरे से हुई है. रिपोर्ट को रिव्यू किया जा रहा है. जांच से पता चल सकेगा कि उसकी मौत नेचुरल थी या फिर अन्य कारण इसके लिए जिम्मेदार हैं. राजीव बहल बताया कि दूसरी स्टडी अचानक आ रहे हार्ट अटैक और उसके कोरोना वैक्सीन, लंबे समय तक कोविड की चपेट में रहना और मरीज की गंभीर स्थिति पर आधारित है. उन्होंने कहा कि स्टडी के कुछ रिव्यू आ चुके हैं. उसमें से हम कुछ सवालों के जवाब जल्द देंगे. जैसे ही इनकी समीक्षा पूरी हो जाएगी हम परणामों को जारी कर देंगे.
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