डीएनए हिंदी: भारत को साल 1947 में 15 अगस्त को आजादी मिली. यह आजादी मिलने के साथ ही भारत के सामने एक और सच खड़ा था कि उसका विभाजन हो रहा था. यानी भारत से एक अलग देश पाकिस्तान बन रहा था. इस बंटवारे में संपत्ति, सेना, पुलिस, पैसे और यहां तक कि जानवरों तक का बंटवारा होना था. बंटवारे के बाद जो वीभत्स दृश्य सामने आए उनका दुख जिन्होंने झेला वही उसे समझ सकते हैं. इससे पहले ही कई दिनों तक आधिकारिक तौर पर सामान बांटे गए. सरकारी गाड़ियां, सेना और पुलिस के हथियार और यहां तक कि कपड़ों और किताबों तक का बंटवारा किया गया. इस बंटवारे में कुछ ऐसी चीजें भी हुईं जो किसी का भी सिर शर्म से झुका देंगी.
छोटी-छोटी चीजें बांटने को लेकर खूब विवाद भी हुआ. ब्रिटिश शासित भारत की संपत्ति का बंटवारा भारत और पाकिस्तान के बीच किया जाना था और इसके लिए बाकायदा एक टीम बनाई गई थी. इसी टीम ने ब्रिटिश भारत की हर संपत्ति को मापा और गिना. यहां तक कुर्सी, टेबल, किताबें, कपड़े, हथियार, गाड़ियां, पैसे, जमीन, बांसुरी और पगड़ी तक का बंटवारा किया गया. सिर्फ शराब एक ऐसी चीज थी जिसके बंटवारे में कोई विवाद नहीं हुआ और इसे बड़ी आसानी से बांट लिया गया.
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फाड़कर बांट दी गई थी डिक्शनरी
कहा जाता है कि बंटवारे के पास एक डिक्शनरी थी जिसकी एक ही प्रति थी. ऐसे में उस डिक्शनरी को फाड़कर उसके दो हिस्सा किए गए और एक हिस्सा भारत तो दूसरा पाकिस्तान के हिस्से में आया. इसके अलावा, इनसाइक्लोपीडिया ऑफ ब्रिटैनिका के भी दो हिस्से किए गए थे. साथ ही, पेन, पगड़ी, बल्ब, बांसुरी, मेज, कुर्सी, राइफल, मेजपोश, परदे और पावदान जैसी चीजों को भी गिन-गिनकर बांटा गया था.
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इस बंटवारे के अलावा भारत ने वादा किया था कि वह पाकिस्तान को 75 करोड़ रुपये देगा. ये पैसे उन चीजों की कीमत थे जो वैसे तो पाकिस्तान के हिस्से में आ रहे थे लेकिन उन्हें भारत ने ले लिया. भारत ने 20 करोड़ रुपये उसी वक्त दे दिए थे. बंटवारे के समय सरकारी बग्गियों को बांटा गया और वायसराय की बग्गी लेने के लिए सिक्का उछालकर टॉस करवाया गया. कहा जाता है कि शराब पर विवाद नहीं हुआ क्योंकि पाकिस्तान ने खुद को इस्लामिक मुल्क होना चुना था और उसने शराब पर कोई दावा नहीं किया.
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