डीएनए हिंदी: मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की करारी हार ने इंडिया अलायंस में पार्टी को बैकफुट पर ला दिया है. विपक्षी एकता के जो दावे किए जा रहे थे वह रेत के महल की तरह बिखरता दिख रहा है. दिल्ली में गठबंधन की बैठक में ममता बनर्जी शामिल नहीं होंगी और अब अखिलेश यादव के आने पर भी संशय बना है. कांग्रेस के लिए स्थिति डंवाडोल नजर आ रही है. लोकसभा चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं और इधर एक-एक कर सहयोगी छिटकते जा रहे हैं. ऐसे में आला कमान के सामने चुनौतियों का अंबार खड़ा है. पार्टी को संगठन खड़ा करना है, कार्यकर्ताओं में जोश भरना है तो दूसरी ओर सहयोगियों और सीट बंटवारे का फॉर्मूला भी तय करना है.
तीन राज्यों के नतीजे के बाद दिल्ली में आनन-फानन में इंडिया गठबंधन की बैठक बुलाई गई लेकिन ममता बनर्जी ने पूर्व कार्यक्रमों का हवाला देते हुए शामिल होने से इनकार कर दिया है. दूसरी ओर अखिलेश यादव ने अब तक बैठक में शामिल होने पर सहमति नहीं जताई है. विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद शिवसेना (उद्धव गुट) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी कांग्रेस के आत्ममंथन करने की बात कही है. बीजेपी को अब विपक्षी एकता पर निशाना साधने के लिए बैठे-बिठाए बड़ा मु्द्दा मिल गया है.
यह भी पढे़ं: राजस्थान में गहलोत-पायलट के झगड़े ने कांग्रेस की 20 सीटों पर बिगाड़ा खेल
विपक्षी एकता के दावे तो हुए पर जमीनी फैसला बाकी
2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने के लिए देश भर के विपक्षी दलों को एक करने की कवायद 23 जून को पटना में शुरू हुई थी. नीतीश कुमार की अगुआई में हुई पहली बैठक में विपक् दलों ने साझा कार्यक्रमों पर सहमति जताई थी. अगस्त के आखिर में मुंबई में हुई तीसरी बैठक में समन्वय की विभिन्न कमिटियां बनी थीं. सीट शेयरिंग का फैसला जल्द होने की बात कही गई लेकिन अब तक ऐसा कुछ जमीन स्तर पर होता दिख नहीं रहा है.
दबाव बनाने की हालत में नहीं है कांग्रेस
लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल कहे जा रहे पांच राज्यों के चुनाव I.N.D.I.A. की पहली बड़ी परीक्षा थी. मध्य प्रदेश में सपा के साथ समझौता नहीं हो सका और अखिलेश यादव ने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी. नतीजों के बाद ममता बनर्जी ने भी कहा कि सीट शेयरिंग पर समझौता पहले होना चाहिए था. अब दिल्ली में बुलाई गई बैठक में बात बनती है या स्थिति और बिगड़ जाती है, यह देखना होगा. हालांकि, राज्यों में हार के बाद कांग्रेस के पास अब दबाव बनाने और सीनियर पार्टनर की तरह व्यवहार करने की गुंजाइश नहीं बची है.
यह भी पढे़ं: चुनावी नतीजों के बाद ममता के बदले सुर, INDIA गठबंधन को कहा 'NO'
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.