डीएनए हिंदी: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2924) में बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का सामना करने के लिए कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने जोर-शोर से विपक्षी एकता की बात कही थी. कांग्रेस के नेतृत्व में इंडिया अलायंस बना भी और मुंबई अधिवेशन के बाद जल्द सीट शेयरिंग का मामला सुलझाने की बात कही जा रही थी. हालांकि, अब विपक्षी एकता की कलई खुलती दिख रही है. मध्य प्रदेश चुनाव में अखिलेश यादव खुलकर कांग्रेस से नाराजगी जाहिर कर चुके हैं. दूसरी ओर कई और पार्टियां भी सीट शेयरिंग पर आक्रामक तेवर दिखा रही हैं. इस बीच जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने ही गठबंधन को लेकर संशय जाहिर कर दिया है. उन्होंने कहा कि विपक्षी एकता और इंडिया गठबंधन इस वक्त मजबूत हालत में नहीं है.
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच जारी खींचतान पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है. इससे ऐसा संदेश जा रहा है कि विपक्ष एकजुट नहीं है और इंडिया अलायंस के बीच संवादहीनता की स्थिति बनी हुई है. एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्षी दलों के गठबंधन की स्थिति अभी मजबूत नहीं है. गठबंधन के अंदर ही झगड़े देखने मिल रहे हैं. ऐसे झगड़े नहीं होने चाहिए और खास तौर पर ऐसे वक्त में तो बिल्कुल नहीं जब 4 से 5 राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं.'
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विधानसभा चुनाव के बाद मामला सुलझाने की बात कही
नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता ने कहा कि उत्तर प्रदेश सीटों के लिहाज से बड़ा राज्य है. वहां कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को ही मिलकर चुनाव लड़ना है. हो सकता है कि इन विधानसभा चुनाव के बाद हमारी मुलाकात फिर से होगी और हम साथ बैठकर कोशिश करेंगे कि हम अच्छे से काम करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले ऐसे मतभेद सुलझा लिए जाएंगे और विपक्षी दल एकजुट होकर पूरी ताकत से चुनाव लड़ने जा रहे हैं. हम भारत और देश के लिए एकदजुट हैं.
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समाजवादी पार्टी, आप, रालोद सब दिखा रहे तेवर
विपक्षी एकता फिलहाल ढहती हुई दिख रही है क्योंकि अलग-अलग क्षेत्रीय दल अपने स्तर पर काम कर रहे हैं. मध्य प्रदेश में सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच तो जुबानी हमले तक किए जा रहे हैं. दूसरी ओर राजस्थान में आम आदमी पार्टी भी अपने उम्मीदवार उतार रही है जिससे वोट बंटने की पूरी आशंका है. राजस्थान चुनाव में रालोद ने भी अपने लिए 6 सीटों की मांग कर दी है. कुल मिलाकर हर ओर से कांग्रेस पर दबाव बढ़ता दिख रहा है.
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